लखनऊ: यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को राज्य में प्रशासनिक व्यवस्था को लेकर एक बैठक की. 'यूपी में अपराध शून्य होना चाहिए, ऐसा हम सब का प्रयास हो' ये कहते हुए योगी आदित्यनाथ ने मीटिंग की शुरुआत की. यह मीटिंग सीएम ऑफिस में हुई. इसमें डीजी और एडीजी रैंक के सभी सीनियर पुलिस अफसरों को बुलाया गया था. यह मीटिंग तीन घंटे तक चली.


इस बैठक में यूपी के जोनल एडीजी ने अपने-अपने इलाकों की रिपोर्ट कार्ड पेश की. बड़े अपराधियों और जमीन माफिया के खिलाफ अब तक क्या कार्रवाई हुई है, उसका ब्यौरा भी रखा गया. सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा " हमने आपको खुली छूट दे रखी है, मेरी पार्टी के नेता और विधायक भी हमसे नाराज हैं, लेकिन जो सही है आप बस वही करिए."


दिवाली और छठ जैसे त्यौहारों के लिए क्या इंतजाम किए गए हैं, इस पर भी चर्चा हुई. मीटिंग में चेतावनी दी गई कि त्यौहार के दौरान अगर महिलाओं के साथ लूट की घटना हुई तो पुलिस अफसरों को बख्शा नहीं जाएगा. इसके साथ ही सीएम योगी ने सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील शहरों में कड़ी चौकसी बरतने के आदेश दिए.


इसके साथ ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने यूपी में अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशियों की पहचान करने के आदेश दिए. जिलेवार इनके आंकड़े बनाए जाएंगे और फिर इन्हें वापस उनके देश भेजा जाएगा. सीएम योगी ने इस बात पर नाराजगी जताई कि अब भी कई थानेदार पुराने तरीके से ही काम कर रहे हैं. सीएम योगी ने कहा कि इन सबके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. लापरवाह और भ्रष्ट पुलिसवालों को सीएम योगी ने तुरंत सस्पेंड करने के आदेश दिए. उन्होंने कहा कि डायल 100 के खिलाफ शिकायतें नहीं आनी चाहिए और फोन करने पर 3200 मोबाइल वैन में से कोई गाड़ी मौके पर तुरंत पहुंचनी चाहिए.


इस बार की बैठक में सीएम योगी ने सीनियर अफसरों की सुनी और खुद कम बोले. यूपी में कानून व्यवस्था हर राज्य सरकारों के लिए सबसे बड़ी चुनौती रही है. खबर है कि इस मीटिंग के बाद कई जिलों के एसएसपी बदले जा सकते हैं.