नई दिल्ली: अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने पहला बड़ा फैसला लिया है. योगी सरकार ने लखनऊ के गोमती रिवर फ्रंट में हुए कथित घोटाले की सीबीआई जांच के लिए सिफारिश की है.
गृह विभाग के सचिव भगवान स्वरूप ने बताया ‘गोमती रिवर फ्रंट परियोजना की सीबीआई जांच के लिये औपचारिक पत्र केन्द्र को भेज दिया गया है.’
गोमती रिवर फ्रंट परियोजना में गड़बड़ी के आरोप में सिंचाई विभाग द्वारा आठ अभियंताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराये जाने के करीब एक महीने बाद सरकार ने यह कदम उठाया है. प्रदेश के नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना की अगुवाई में चार सदस्यीय समिति ने गोमती रिवरफ्रंट मामले की जांच की थी. समिति ने पिछले महीने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी.
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के सपनों की परियोजना कहे जाने वाले गोमती रिवरफ्रंट पर भी शुरू से ही योगी सरकार की नजर टेढ़ी रही. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक अप्रैल को इस मामले की उच्च न्यायालय के किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश से जांच कराने के आदेश दिये थे. साथ ही उन्होंने एक समिति भी गठित करके उससे 45 दिन के अंदर रिपोर्ट मांगी थी.
बता दें कि सीएम योगी 27 मार्च को गोमती रिवर फ्रंट पर निरीक्षण करने पहुंचे थे. योगी ने रिवर फ्रंट के बजट को लेकर भी सभी विभागों के अधिकारियों से चर्चा की थी और अधिकारियों से कहा था कि उन्हें एक-एक पैसे का हिसाब चाहिए. यह पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का ड्रीम प्रोजेक्ट था.
बड़ा फैसला: योगी सरकार ने की गोमती रिवर फ्रंट में हुए घोटाले की CBI जांच की सिफारिश
एजेंसी
Updated at:
20 Jul 2017 11:30 PM (IST)
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के सपनों की परियोजना कहे जाने वाले गोमती रिवरफ्रंट पर भी शुरू से ही योगी सरकार की नजर टेढ़ी रही. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक अप्रैल को इस मामले की उच्च न्यायालय के किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश से जांच कराने के आदेश दिये थे.
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