लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बुधवार से डिफेंस एक्सपो का आयोजन किया जा रहा है. इसके लिए पूरी तैयारी कर ली गई है. आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका उद्घाटन करेंगे. डिफेंस एक्सपो से एक दिन पहले मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यूपी देश का पहला ऐसा राज्य बनने जा रहा है जो अपने देश में निर्मित विमान का उपयोग करेगा. उन्होंने कहा कि एचएएल द्वारा निर्मित 19 सीटर दो विमान लखनऊ से वाराणसी, लखनऊ से बरेली और लखनऊ से आगरा के बीच उड़ान भरेंगे. लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित डिफेंस एक्सपो के कर्टन रेजर कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि अयोध्या, कुशीनगर और वाराणसी में इंटरनेशनल एयरपोर्ट का काम युद्धस्तर पर चल रहा है.


मुख्यमंत्री योगी आतित्यनाथ ने कहा कि डिफेंस क्षेत्र में निवेश के लिए उत्तर प्रदेश में अपार संभावनाएं हैं. उन्होंने कहा कि हमने डिफेंस कॉरिडोर की पूरी तैयारी कर ली है. हमारे पास 25 हजार एकड़ लैंड बैंक है जो डिफेंस कॉरिडोर के लिए चयनित 6 नोड्स के आस-पास ही है. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इसी माह 29 फरवरी को बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास हो रहा है जो बुंदेलखंड की अर्थव्यवस्था का बैकबोन बनेगा. उन्होंने कहा कि आवश्यकता पड़ी तो गंगा एक्सप्रेस-वे को हरिद्वार तक ले जाएंगे. सीएम योगी ने साथ ही कहा कि हमारी सरकार की मंशा है कि यह एक्सप्रेस-वे जहां से गंगा नदी यूपी में प्रवेश करती है और जहां से राज्य से बिहार में प्रवेश करती है वहां तक जाए.


वैश्विक संबंधों का सूत्रधार बनने जा रहा है उत्तर प्रदेश: राजनाथ सिंह


इस मौके पर मौजूद रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि डिफेंस एक्सपो का मुख्य उद्देश्य अपने देश को सुदृढ, सशक्त और समृद्धशाली बनाना है. उन्होंने कहा कि लखनऊ में कई महीनों की मेहनत अपना स्वरूप ले रही है. रक्षा मंत्री ने कहा कि यूपी सरकार ने जिस तरह डिफेंस एक्सपो की तैयारी की है उसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ धन्यवाद के पात्र हैं. उन्होंने कहा कि जितना हमने सोचा था, उससे भी बड़ा ये एक्सपो हो रहा है. एक्सपो से हमें तेजी से बदल रही टेक्नोलॉजी को समझने का मौका मिलेगा.


रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत जैसा विशाल देश इंपोर्टेड आर्म्स पर ज्यादा दिन तक निर्भर नहीं रह सकता है. यह इवेंट हमें अपने लक्ष्य की प्राप्ति में सबसे ज्यादा मदद करेगा. यह इवेंट एक ग्लोबल बेंचमार्क के रूप में सामने आएगा. इसके साथ ही उत्तर प्रदेश वैश्विक संबंधों का सूत्रधार बनने जा रहा है. उन्होंने कहा कि दुनियाभर में तेजी से बदल रही तकनीक को जानने, समझने और उससे जुड़ने के लिए डिफेंस एक्सपो-2020 एक महत्वपूर्ण आयोजन है. भारत को डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग के रूप में तैयार कर रहे हैं और इसके लिए डिफेंस एक्सपो उचित प्लेटफॉर्म साबित होगा. मेक इन इंडिया को प्रमोट करने के लिए भी यह आयोजन सहायक होगा.


200 से ज्यादा एमओयू साइन होने की उम्मीद


रक्षा मंत्रालय के जॉइंट सेक्रेटरी डॉ अमित सहाय ने बताया कि “रक्षा का डिजीटल परिवर्तन” टैग लाइन पर आधारित एशिया की सबसे बड़ी रक्षा प्रदर्शनी डिफेंस एक्सपो 2020 में 1028 कंपनियां भाग ले रही हैं, जिसमें 272 कम्पनियां विदेशी हैं. इस प्रदर्शनी में 500 महत्वपूर्ण बैठकें होगी, जिसमें 200 से ज्यादा एमओयू साइन होने की उम्मीद है. “इंडिया अफ्रीका डिफेन्स मिनिस्टर कॉन्क्लेव” भी आयोजित होगा, 15 अफ्रीकी देशों के रक्षामंत्री इसमें शामिल रहेंगे. उन्होंने कहा कि 6 फरवरी को “इंडिया रशिया इंडस्ट्रियल मिलिट्री कॉन्फ्रेंस” होगी जिसमें रशिया के उद्योगमंत्री और भारत के रक्षामंत्री रहेंगे. इसमें 5 एमओयू साइन होने की उम्मीद है. डॉ सहाय ने बताया कि एक्सपो में बने इंडिया पवेलियन में 80 कम्पनियों के 190 उत्पाद दिखाए गए हैं. वहीं, यूपी पवेलियन डिफेंस कॉरिडोर में संभावनाओं को दर्शाया गया है.


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