CM Yogi Adityanath On Malegaon Blast Case: मालेगांव ब्लास्ट मामले में एक गवाह के एटीएस (ATS) की ओर से झूठी गवाही देने के लिए दबाव बनाने के दावे के बाद अब उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस (Congress) ने देश में सबसे ज्यादा वक्त तक शासन किया. उस समय ये कैसे बीजेपी (BJP) कार्यकर्ता, नेता, आरएसएस (RSS) नेता, हिंदू नेताओं को झूठे मुकदमें में फंसाने का काम करते थे.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने फर्रुखाबाद की एक रैली में कहा, "आपने मालेगांव विस्फोट में देखा होगा. कांग्रेस की शरारत देश के खिलाफ अपराध है और कांग्रेस को माफी मांगनी चाहिए." उन्होंने कहा कि कांग्रेस पहले जब सत्ता में थी तो आतंकियों को प्रेरित और प्रोत्साहित करती थी और ये हिंदू संगठनों पर झूठे मुकदमें दर्ज करते थे और आज जब सत्ता से बाहर हैं तो हर उस कार्य का विरोध करते हैं जो कार्य जनता के हित के लिए हो.
बता दें मालेगांव विस्फोट मामले के एक गवाह ने मंगलवार को एक अदालत में दावा किया कि आतंकवाद निरोधी दस्ता (ATS) ने उसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चार नेताओं के नाम लेने के लिए मजबूर किया था. उस वक्त इस गवाह का बयान महाराष्ट्र एटीएस ने दर्ज किया था.
कब का है मामला?
गौरतलब है कि मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह (Parambir Singh) उस वक्त एटीएस के अतिरिक्त आयुक्त थे, जब इसने 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले की जांच की थी. परमबीर सिंह जबरन वसूली के कई मामलों का अभी सामना कर रहे हैं. गवाह ने मंगलवार को विशेष एनआईए अदालत (Special NIA Court) में गवाही दी. एटीएस ने उसका बयान उस वक्त दर्ज किया था, जब वह मामले की जांच कर रहा था. एनआईए ने मामले की जांच की जिम्मेदारी बाद में संभाल ली थी.
गवाह ने क्या दावा किया है?
गवाह ने अपनी गवाही के दौरान अदालत को बताया कि एटीएस के तत्कालीन वरिष्ठ अधिकारी परमबीर सिंह और एक अन्य अधिकारी ने उसे उत्तर प्रदेश के मौजूदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और इंद्रेश कुमार सहित आरएसएस के चार नेताओं का नाम लेने को कहा था. उसने दावा किया कि एटीएस ने उसे प्रताड़ित किया था और अवैध रूप से (एटीएस कार्यालय में) बैठा कर रखा था.
उसकी गवाही के बाद अदालत ने एटीएस के खिलाफ गवाही देने और आतंक रोधी एजेंसी के समक्ष कोई बयान देने से इनकार करने को लेकर उसे पक्षद्रोही गवाह (होस्टाइल विटनेस) घोषित किया. मामले में अब तक करीब 20 गवाहों का परीक्षण किया गया है, जिनमें से 15 मुकर गए हैं.
ब्लास्ट में 6 लोगों की हुई थी मौत
मुंबई से करीब 200 किमी दूर मालेगांव कस्बे में 29 सितंबर 2008 को हुए विस्फोट में छह लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 100 से अधिक घायल हो गये थे. मामले में आरोपी, लोकसभा सदस्य प्रज्ञा सिंह ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित, सुधाकर द्विवेदी, मेजर रमेश उपाध्याय (सेवानिवृत्त), अजय रहीकर, सुधाकर चतुर्वेदी और समीर कुलकर्णी जमानत पर जेल से बाहर हैं.
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