एबीपी न्यूज से बातचीत में पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि सीएम योगी ने जो कहा है इसमें कहां कोई कंफ्यूजन है लेकिन कुछ लोगों की आदत होती है कि कानून पर भी कलर चढ़ाने की कोशिश कर करते हैं. उन्होंने कहा कि श्रद्धा आपकी है, श्रद्धा के साथ करिए. इसमें शालीनता भी जरूरी है और शासनादेश का सम्मान करना भी जरूरी है. ये जो है वो समाज के हित में है. पूरे देश में मुहर्रम को लोग बहुत सम्मान के साथ श्रद्धा के साथ करते हैं.


मुहर्रम पर योगी ने मुसलमानों को दिया अल्टिमेटम


दरअसल, कल (14 जुलाई) को बीजेपी की यूपी कार्यसिमिति की बैठक में योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा कि कभी मुहर्रम के समय में सड़कें सूनी हो जाती थीं. उन्होंने कहा कि आज मुहर्रम आयोजित हो रहा है, इसका पता भी नहीं लग रहा. सीएम ने कहा कि ताजिया के नाम पर घर तोड़े जाते थे, पीपल के पेड़ काटे जाते थे, सड़कों के तार हटाए जाते थे. मगर, आज कहा जाता है किसी गरीब की झोपड़ी नहीं हटेगी. आज कहा जाता है सरकार नियम बनाएगी.


सीएम योगी ने आगे कहा कि त्योहार मनाने हैं तो नियमों के तहत मनाओ नहीं तो घर बैठ जाओ. उन्होंने कहा कि ये मनमानापन नहीं चल सकता है.


जानिए क्यों मनाया जाता है मुहर्रम?


मुहर्रम इस्लाम धर्म में विश्वास करने वाले लोगों का एक खास दिन है. इस मौके पर ताजिए यानी मोहर्रम का जुलूस निकाला जाता है. इस दिन शिया मुसलमान इमामबाड़ों में जाकर मातम मनाते हैं और ताजिया निकालते हैं. वहीं, मुहर्रम की 10वीं तारीख को यौम-ए-आशूरा होता है, जो इस साल 17 जुलाई को होगा. इस्लामी मान्यताओं के अनुसार, कर्बला में युद्ध के दौरान इस दिन हजरत मुहम्मद के नवासे हजरत हुसैन अपने 72 साथियों के साथ शहीद हो गए थे. जिसके कारण मुसलमान इस महीने में इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत का गम मनाकर उन्हें याद करते हैं.


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