उपचुनावों में हार के बाद सवालों में घिरे सीएम योगी, अमित शाह से मिले
माना जा रहा है कि इस मुलाकात में कैराना और नूरपुर के उपचुनावों में मिली करारी हार पर चर्चा होगी. ये मुलाकात इसलिए अहम मानी जा रही है क्योंकि योगी आदित्यनाथ ताजा उपचुनाव में हार के बाद पार्टी और सरकार के भीतर के लोगों के निशाने पर हैं.
नई दिल्ली: बीजेपी की तरफ से स्टार प्रचारक के तौर पर देशभर में चुनावी रैलियां करने और भीड़ जुटाने वाले यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ अपने ही मैदान पर मात खाने के बाद पहली बार पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से दिल्ली में मुलाकात कर रहे हैं. माना जा रहा है कि इस मुलाकात में कैराना और नूरपुर के उपचुनावों में मिली करारी हार पर चर्चा होगी. ये मुलाकात इसलिए अहम मानी जा रही है क्योंकि योगी आदित्यनाथ ताजा उपचुनाव में हार के बाद पार्टी और सरकार के भीतर के लोगों के निशाने पर हैं.
उपचुनाव में पार्टी को लगातार मिल रही है हार योगी आदित्यनाथ के लिए सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि मोदी लहर में मिली बड़ी जीत के बाद करिश्माई नेता समझकर कर उन्हें सत्ता सौंपी गई, लेकिन उपचुनाव में पार्टी को लगातार हार मिल रही है. सीएम योगी को अपने गढ़ गोरखपुर की हार का जख्म अभी भरा भी नहीं था कि कैराना और नूरपुर ने उसे और हरा कर दिया.
गौरतलब है कि योगी के राजकाज में अब तक दो विधानसभा और तीन लोकसभा की सीटों पर उपचुनाव हुए जिसमें बीजेपी को चार में हार और एक सीट पर जीत मिली.
अपने ही विधायक हुए हमलावर
इस सबके बीच अपने भी हमलावर हो गए. दो विधायकों ने अपना विरोध जताया तो अब एक मंत्री उनके खिलाफ खुलकर सामने आ गए हैं. योगी सरकार में मंत्री और सुहेल देव समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने उपचुनाव में मिली हार के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने योगी पर सीधा हमला करते हुए कहा कि हार का जिम्मेदार राजा ही होता है.
सबसे बड़ी बात ये है कि राजभर यहीं नहीं रुके, बल्कि उन्होंने योगी के सीएम बनाए जाने पर भी सवाल खड़ा किया. बहराइच में एक जनसभा को संबोधित करते वक़्त उनका कहना था कि दलितों और पिछड़ों ने केशव प्रसाद मौर्य के नाम पर वोट दिया लेकिन सीएम योगी को बना दिया.
गोपामऊ से विधायक श्यामप्रकाश ने कविता लिखकर गोरखपुर फिर फूलपुर और अब नूरपुर में बीजेपी की हार का दुख जताया है. बलिया में बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह ने भी उपचुनाव में बीजेपी की हार पर सवाल उठाए हैं. सुरेंद्र सिंह ने कहा है कि इस हार के पीछे शुद्ध रूप से कर्मचारियों और अधिकारियों में फैले भ्रष्टाचार और समाज को परेशान करने की नीय़त है.