लखनऊ: अब तो योगी सरकार के मंत्री भी मायावती का गुणगान करने लगे हैं. यूपी के श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि मायावती के राज में कार्यपालिका अनुशासन में काम करती थी. वे यहीं नहीं रुके, मौर्य बोले, “योगी सरकार में अधिकारी आदेशों का पालन नहीं करते हैं. मायावती ख़ुद अफ़सरों पर नज़र रखती थीं.” इसी हफ़्ते बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से दिल्ली में उनकी मुलाक़ात हुई थी. सूत्र बताते हैं कि मौर्य ने उनसे भी योगी सरकार के काम काज को लेकर शिकायत की थी. उनका आरोप है कि बीजेपी सरकार में दलितों और पिछड़ों की अनदेखी की जा रही है.


अफसरों की मनमानी को लेकर भी मौर्य ने की है शिकायत


स्वामी प्रसाद मौर्य ने अमित शाह से अफ़सरों की मनमानी को लेकर भी शिकायत की है. ख़बर है कि 21 अप्रैल को अमित शाह लखनऊ आकर मीटिंग करेंगे. इससे पहले पिछले हफ़्ते ही अमित शाह ने सीएम योगी आदित्यनाथ के घर पर मैराथन बैठक की थी. क्या साल भर में ही कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य का मोहभंग होने लगा है? मायावती से अनबन के बाद मौर्य ने पिछले साल बीएसपी छोड़ दी थी. तब उन्होंने बहनजी पर कई गंभीर आरोप लगाए थे.


अपनी बेटी के लिए लोकसभा का टिकट चाहते हैं मौर्य


मौर्य, बीएसपी में मायावती के क़रीबी नेता माने जाते थे. वे यूपी विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे और मायावती सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे. पिछले साल विधानसभा चुनाव से पहले वे बीजेपी के हो गए. कुशीनगर के पडरौना से चुनाव जीत कर वे मंत्री बन गए. बताया जाता है कि जिस विभाग का उन्हें मंत्री बनाया गया है, उससे वे ख़ुश नहीं हैं. मौर्य अपनी बेटी संघमित्रा के लिए लोकसभा चुनाव का टिकट भी चाहते हैं. संघमित्रा पहले भी बीएसपी की टिकट पर मैनपुरी से चुनाव लड़ चुकी हैं.


योगी सरकार के कामकाज से खुश नहीं है बीजेपी के कुछ सांसद


इन दिनों बीजेपी के कुछ सांसद भी योगी सरकार के काम काज से ख़ुश नहीं हैं. रॉबर्ट्सगंज के एमपी छोटेलाल खरवार ने तो योगी पर उन्हें डांटने तक के आरोप लगा दिए. अगर मंत्री और सांसद इसी सुर में योगी सरकार के ख़िलाफ़ बोलते रहे तो फिर अगले लोकसभा चुनाव में बीजेपी बेसुर हो सकती है.