लखनऊ: यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ अब भी कई लोगों के लिए अजूबा बने हुए हैं. रहन सहन से लेकर बोल वचन तक. भगवा रंग के कपड़े वाले नेता पहली बार सीएम तो बन गए. लेकिन उनकी पार्टी के नेता उन्हें समझ नहीं पा रहे हैं. विधायकों और सांसदों का तो हाल बुरा है. कई बार तो ख़ुद योगी भी चक्कर में पड़ जाते हैं .
योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि नेता उनसे सिर्फ़ विकास के काम के लिए मिलें. किसी की पैरवी या शिकायत के लिए नहीं. लेकिन भला नेता जी कहां मानने वाले. अगर किसी दिन आप विधायकों के साथ योगी की बैठक में चले जायें तो हंसते-हंसते लोट पोट हो जायेंगे. पूर्वांचल के एक विधायक ने सीएम से अपने इलाक़े में चीनी मिल शुरू करवाने के लिए कहा. योगी ने पूछा “ आपके यहाँ तो दूर दूर तक गन्ने की खेती नहीं होती है. आपके विधान सभा में तो मैंने कभी एक गन्ना नहीं देखा”. एमएलए साहेब तो अपनी माँग से टस से मस होने को तैयार नहीं थे. वे झट से बोले “ सीएम साहेब गन्ना नहीं है तो क्या हुआ. चीनी मिल खुलते ही खेती शुरू हो जायेगी”.
ऐसी ही एक और दिलचस्प कहानी पश्चिमी यूपी के विधायक से जुड़ी हुई है. बात पिछले महीने की है. सीएम योगी आदित्यनाथ से एमएलए की भेंट उनके ऑफ़िस में हुई. पहली बार विधायक बने नेता जी ने कहा “ हमारे इलाक़े में सेल की एक फ़ैक्टरी लगवा देते तो लोगों को रोज़गार मिल जाता”. योगी हैरान रह गए. उन्होंने कहा “ लेकिन आपके यहाँ आयरन ओर या कोई खनिज तो निकलता नहीं." विधायक ने जवाब दिया “ कुछ न कुछ इंतज़ाम कर लेंगे”. यूपी के सीएम मन ही मन अपना माथा पीटने लगे.
कुछ एमएलए तो ऐसे भी हैं जो बिना काम के ही योगी से मिलने चले आते हैं. सांसद भी कुछ कम नहीं हैं. लेकिन उनका सामान्य ज्ञान कम से कम विधायकों से तो बेहतर है.