Transfer Posting Row: तबादलों के बहाने मनमानी करने वाले अफसरों पर एक्शन की तैयारी में सीएम योगी!
सीएम योगी आदित्यनाथ ने तबादलों में गड़बड़ी और पशुपालन विभाग में हुए घोटाले पर कड़ा रुख अपनाते हुए सीनियर IAS अफसरों की कमेटी बनाकर मामले की रिपोर्ट सीएम ऑफिस को सौंपने के निर्देश दिए हैं.
Row Over Transfer Posting In UP Government: यूपी में इन दिनों स्वास्थ्य (Health) और लोक निर्माण विभाग यानी PWD में हुए तबादलों को लेकर हंगामा मचा है. तबादले इस तरह से हुए हैं कि अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) खुद ये फाइल देख रहे हैं. इंजीनियरों और डॉक्टरों के ट्रांसफर में अफसरों की मनमानी के बाद योगी सरकार की छवि पर भी सवाल उठने लगे हैं.
बेअंदाज नौकरशाहों द्वारा सरकार की नीति को ताक पर रखते हुए किये गए तबादलों की गड़बड़ी सूबे में चर्चा का केंद्र बन गई है. यही नहीं पशुपालन विभाग में बेअंदाज अफसरों द्वारा किए गए घोटाले को लेकर भी सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है.
सीएम का क्या है रुख?
ऐसे में अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तबादलों में गड़बड़ी और पशुपालन विभाग में हुए घोटाले पर कड़ा रुख अपनाया है. जिसके तहत उन्होंने सीनियर IAS अफसरों की कमेटी बनाकर पूरे मामले की रिपोर्ट तैयार कर उसे दो दिनों में मुख्यमंत्री कार्यालय को सौंपने के निर्देश दिए हैं.
मुख्यमंत्री के इस फैसले के बाद यह कहा जा रहा है कि जल्दी ही स्वास्थ्य, लोक निर्माण और पशुपालन विभाग के आला अफसरों के खिलाफ सरकार एक्शन लेते हुए उनको महत्वहीन पदों पर भेजेगी. स्वास्थ्य विभाग में बीते 30 जून को हुए तबादलों को लेकर यूपी के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने नाराजगी जताते हुए ट्रांसफर नीति का पालन न होने की बात कही थी.
बृजेश पाठक ने किस अफसर को लिखा था पत्र?
बृजेश पाठक ने अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद की अगुवाई में हुए तबादलों पर नाराजगी जताते हुए पत्र लिखा था. इस चिट्ठी में पाठक ने तबादलों में तमाम तरह की गड़बड़ियां सामने आने की बात कही गई थी और इस संबंध में अमित मोहन प्रसाद से स्पष्टीकरण मांगा था. लेकिन अमित मोहन प्रसाद ने डिप्टी सीएम के लिखे पत्र का कोई जवाब नहीं दिया. जिसके चलते देखते ही देखते यह प्रकरण तूल पकड़ता गया.
ऐसे में मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वास्थ्य विभाग के तबादलों को लेकर रिपोर्ट तलब की और पूरे प्रकरण को समझने के बाद उन्होंने मुख्य सचिव डीएस मिश्रा की अध्यक्षता में एक कमेटी बना दी. इस कमेटी में अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी और अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी को रखा गया है. यह कमेटी तबादलों में हुई गड़बड़ियों की समीक्षा कर दो दिन में सीएम योगी को रिपोर्ट सौंपेगी.
पीडब्ल्यूडी विभाग के तबादलों में हुईं क्या गड़बड़ियां?
इसी प्रकार लोक निर्माण विभाग (PWD) में हुए तबादलों की गड़बड़ियों की जांच करने के लिए तीन IAS अफसरों की कमेटी बनाई गई है. इस विभाग में तो बेअंदाज अफसरों ने तबादला नीति का अनदेखी करते हुए तीन साल पहले मर चुके जूनियर इंजीनियर घनश्याम दास का तबादला झांसी कर दिया. ऐसे ही एक शख्स राजकुमार का तबादला इटावा से ललितपुर किया गया था. बाद में पता चला कि राजकुमार नाम का कोई शख्स विभाग में है ही नहीं. यहीं नहीं एक-दो साल में रिटायर होने कई कर्मचारियों का तबादला बहुत दूर के जिलों में कर दिया गया.
किन अधिकारियों के नेतृत्व में बनी है कमेटी?
तबादलों की ऐसी तमाम खामियों की जांच करने वाली इस कमेटी में कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज सिंह, अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी और अपर मुख्य सचिव देवेश चतुर्वेदी शामिल हैं. ये तीनों आईएएस भी पूरे मामले की जांच रिपोर्ट तैयार कर दो दिनों में मुख्यमंत्री को सौंपेंगे.
पशुपालन विभाग में घोटाले की जांच किस अफसर को गई है सौंपी?
इसी प्रकार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के निर्देश पर राज्य के पशुपालन मंत्री धर्मपाल सिंह (Dharampal Singh) ने करीब 50 करोड़ रुपये के घोटाले की जांच अपर मुख्य सचिव को सौंपी है. इस घोटाले को विभाग के आला अफसरों ने अंजाम दिया है.
आरोप है कि विभाग के अधिकारियों ने दवाई और उपकरणों की खरीद दोगुना दाम पर की है. अब कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उक्त कमेटियों की रिपोर्ट मिलते ही उन बेअंदाज नौकरशाहों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे जिसकी बेअंदाजी के चलते सरकार की छवि खराब हुई है.
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