नई दिल्ली: यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ अब चुनावी मूड में आ गए हैं. अगला लोकसभा चुनाव जब भी हो लेकिन उन्होंने होमवर्क शुरू कर दिया है. शुरूआत योगी ने अपनों से की है. अपनों का मतलब बीजेपी के सांसद और विधायकों से है. योगी अब इनके ज़रिए जनता के मन की बात जानना चाहते हैं. वे मंच से बार बार कहते रहे हैं कि अगला चुनाव उनके लिए भी एक परीक्षा है.


योगी आदित्यनाथ ने आज सीएम ऑफ़िस में 6 जिलों के एमपी और एमएलए को बुलाया है. दो घंटे तक इनके साथ वे चाय पर चर्चा करेंगे.जनता क्या सोचती है ? क्या चाहती है ? आम लोगों की क्या परेशानियॉं हैं और वे सरकार से क्या चाहते हैं ? मोदी और योगी सरकार की योजनाओं पर जनता की क्या राय है ?


इन सब सवालों पर योगी जन प्रतिनिधियों से सलाह मशविरा करेंगे. पीएम आवास योजना, उज्जवल गैस योजना जैसी स्कीम से कितना फ़ायदा हुआ है ? सांसदों ओर विधायकों से मिले फ़ीडबैक रिसर्च टीम को दे दी जायेगी. इसके आधार पर ही बीजेपी अगले लोकसभा चुनाव के लिए अपनी रणनीति तैयार करेगी. आपको बता दें कि पीएम नरेन्द्र मोदी ने ऐसे ही रिसर्च पर शमशान और क़ब्रिस्तान का मुद्दा पिछले चुनाव में उठाया था.


सीएम के मीडिया सलाहकार मृत्युंजय कुमार बताते हैं कि एमपी और एमएलए तो सीएम से मिलते रहते हैं. लेकिन इस तरह की मीटिंग जनता के सवालों को लेकर हो रही है. योगी आदित्यनाथ ने सांसदों से मिलने के लिए हफ़्ते में एक दिन रखा है. जबकि विधायकों से वे दो बार मिलते हैं. आज की बैठक में मुरादाबाद, संभल, बदायूं, सहारनपुर और शाहजहांपुर के नेताओं को बुलाया हैं.


बीजेपी के प्रवक्ता चंद्रमोहन की मानें तो सीएम और जन प्रतिनिधियों का ये संवाद लगातार जारी रहेगा. यूपी में लोकसभा की 80 सीटें हैं. पिछली बार बीजेपी ने 71 और उसकी सहयोगी पार्टी अपना दल ने 2 सीटें जीती थीं.