नई दिल्ली: देश में दो कोरोना वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी दी जा चुकी है. भारत बायोटेक की 'कोवैक्सीन' और सीरम इंस्टीट्यूट की 'कोविशील्ड' को रविवार को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने आपात इस्तेमाल के लिए मंजूरी दे दी. सरकार पहले ही ये साफ कर चुकी है कि पहले फेज में फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन दी जाएगी.
फ्रंटलाइन वर्कर्स को मुफ्त में वैक्सीन का टीका लगाया जाएगा. वैक्सीनेशन यानी टीकाकरण के लिए सरकार ने 'कोविन' (कोविड वैक्सीन इंटेलीजेंस नेटवर्क) एप बनाया है. ये एप शुरू से लेकर आखिरी तक पूरी प्रक्रिया पर निगरानी रखेगा. Co-Win इलेक्ट्रॉनिक वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क (eVIN) का अपग्रेडेड वर्जन है.
कोविन एप से जुड़ी अहम जानकारी
- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने पहले ही इस एप के बारे में जानकारी दी थी. वैक्सीन लगवाने के लिए इस एप में लोगों को खुद से रजिस्टर करना होगा. लेकिन फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन लगने के बाद ऐसा किया जा सकेगा.
- अभी तक इस एप्लिकेशन को लॉन्च नहीं किया गया है. यह प्ले स्टोर पर उपल्बध नहीं है. बता दें कि ड्राई रन के दौरान इस एप को भी चेक किया गया. इसमें डाटा अपलोड किया गया और ये एप ठीक से काम रहा है या नहीं इसको चेक किया गया. ताकि जब टीकाकरण शुरू हो तो किसी तरह की परेशानी न हो.
- हेल्थ ऑफिसियल्स इस एप को फिलहाल एक्सेस कर रहे हैं. वे इस एप पर उन हेल्थ वर्कर्स का डाटा अपलोड कर रहे हैं जिन्हें पहले स्टेज में वैक्सीन दी जाएगी. ड्राई रन के दौरान ही 75 लाख से अधिक लाभार्थियों का रजिस्ट्रेशन हुआ.
- जब एक बार ये एप लॉन्च होगा तो इसके चार मॉड्यूल होंगे. इसमें यूजर एडमिनिस्ट्रेटर मॉड्यूल, बेनिफिशियरी (लाभार्थी) रजिस्ट्रेशन, वैक्सीनेशन और बेनिफिशियरी एकनॉलेजमेंट और स्टेटस अपडेशन शामिल होगा.
- बेनिफिशियरी रजिस्ट्रेशन के तहत तीन विकल्प होंगे. इसमें तहत सेल्फ रजिस्ट्रेशन, इंडिविजुअल रजिस्ट्रेशन और बल्क अपलोड का विकल्प होगा. सेल्फ रजिस्ट्रेशन के तहत बेव और मोबाइल एप्लीकेशन दोनों के जरिए लाभार्थी खुद को डायरेक्ट रजिस्टर कर सकेंगे. इसके बाद उनका डाटा चेक होगा कि वे पचास साल से ज्यादा या कम उम्र के हैं, या फिर को-मोरबिड यानी दूसरी बीमारी से पीड़ित है.
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