Coal Shortage: कोयला की कमी और बिजली संकट को लेकर राज्यों की शिकायत के बीच आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उच्चस्तरीय बैठक कर रहे हैं. नॉर्थ ब्लॉक में हो रही इस बैठक में बिजली मंत्री आर के सिंह, कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी और एनटीपीसी के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.
बिहार, यूपी, दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, केरल और कर्नाटक समेत कई राज्यों ने कोयला की कमी की शिकायत की है. आज ही दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन (एनटीपीसी) ने शहर को दी जाने वाली चार हजार मेगावाट बिजली की आपूर्ति को आधा कर दिया है, जिसके बाद दिल्ली सरकार महंगी गैस आधारित बिजली के साथ-साथ उच्च बाजार दर पर इसे खरीदने पर निर्भर है.
ऊर्जा मंत्री ने कहा,‘‘ केन्द्र ने सस्ती गैस का कोटा समाप्त कर दिया है. हमें इसे खरीदना पड़ रहा है और इसके उत्पादन की लागत 17.50 रुपये है. इसके अलावा संकट के कारण हमें बिजली उच्च दरों पर 20 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से खरीदनी पड़ रही है. ’’
वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जितनी बिहार की ज़रूरत है उस हिसाब से या तो हमें NTPC से मिलता है या फिर प्राइवेट कंपनियों से लेते थे. इन कंपनियों से जितनी आपूर्ति का प्रावधान था, वह नहीं हो पा रही है. इसके चलते समस्या आई है.
कोयला मंत्रालय की सफाई
कोयला मंत्रालय ने रविवार को कहा कि बिजली उत्पादक संयंत्रों की जरूरत को पूरा करने के लिए देश में कोयले का पर्याप्त भंडार है. मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘कोयला मंत्रालय आश्वस्त करता है कि बिजली संयंत्रों की जरूरत को पूरा करने के लिए देश में कोयले का पर्याप्त भंडार है. इसकी वजह से बिजली संकट की आशंका पूरी तरह गलत है.’’
कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने ट्वीट किया, ‘‘देश में कोयले के उत्पादन और आपूर्ति की स्थिति की समीक्षा की. मैं सभी को भरोसा दिलाना चाहता हूं कि बिजली आपूर्ति में बाधा की कोई आशंका नहीं है. कोल इंडिया के मुख्यालय पर 4.3 करोड़ टन कोयले का भंडार है जो 24 दिन की कोयले की मांग के बराबर है.’’