Coal Crisis: देश के बिजली घरों में कोयले की कमी का संकट खड़ा हो गया है. इसकी वजह से बिजली की कमी की शिकायत मिल रही है. इस बीच सोमवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने घर पर बिजली विभाग की बैठक बुलाई. जिसमें ये फ़ैसला हुआ कि किसी भी सूरत में शाम 6 बजे से सुबह 7 बजे तक कोई बिजली कटौती नहीं होगी. 


दशहरा के समय में सीएम योगी ने रात में कहीं भी बिजली सप्लाई न रोकने के आदेश दिए. यही नहीं योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) के अध्यक्ष को राज्य में बिजली संयंत्रों को कोयले की आपूर्ति के संबंध में गहन समीक्षा करने का निर्देश दिया.


इससे पहले दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पूरे देश में कोयले की कमी की वजह से बिजली की स्थिति ‘बेहद नाजुक’ है. केजरीवाल ने कहा कि बिजली संकट से निपटने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं और उनकी सरकार नहीं चाहती कि कोई भी 'आपातकालीन स्थिति' पैदा हो.


वहीं बिजली मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली सरकार को महंगी गैस आधारित बिजली के साथ-साथ उच्च बाजार दर पर हाजिर खरीद पर निर्भर रहना पड़ता है, क्योंकि एनटीपीसी ने शहर में बिजली की 4,000 मेगावाट की सामान्य आपूर्ति को घटाकर आधा कर दिया है.


वहीं केंद्र सरकार के सूत्रों ने दावा किया कि एनटीपीसी के पास दिल्ली में बिजली की आवश्यकता पूरी करने के लिए पर्याप्त कोयला है. उन्होंने यह भी कहा कि डिस्कॉम अपने दादरी पावर प्लांट से बिजली शेड्यूल कर सकती है.


अमित शाह की बैठक
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देश में कोयला संकट की खबरों के बीच बिजली मंत्री आर के सिंह और कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी के साथ बैठक की. माना जा रहा है कि घंटे भर चली बैठक के दौरान तीनों मंत्रियों ने बिजली संयंत्रों को कोयले की उपलब्धता और इस समय बिजली की मांग पर चर्चा की.


बिजली मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक बिजली की खपत आठ अक्टूबर को 390 करोड़ यूनिट थी, जो इस महीने अब तक (1-9 अक्टूबर) सबसे ज्यादा थी. बिजली की मांग में तेजी देश में चल रहे कोयला संकट के बीच चिंता का विषय बन गई है.


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