Electricity Crisis: 'काले पत्थर' ने मचाया देश में हाहाकार, फुल गर्मी के बीच कई राज्यों में बत्ती गुल, सियासत चालू
Coal Crisis: एक तो देश में इस वक्त आसमान आग उगल रहा है तो दूसरी ओर बिजली की किल्लत से पंखा भी बार बार बंद हो जा रहा है यानी जब गर्मी फुल है तो बिजली भी गुल है.
एक तो देश में इस वक्त आसमान आग उगल रहा है तो दूसरी ओर बिजली की किल्लत से पंखा भी बार बार बंद हो जा रहा है यानी जब गर्मी फुल है तो बिजली भी गुल है. देश में इस वक्त आम लोगों पर दोहरी मुसीबत है. ज्यादातर राज्यों में जहां गर्मी प्रचंड पड़ रही है. वहीं बिजली की कमी की भी समस्या सामने आ पड़ी है.
कई राज्यों में लोड शेडिंग के चलते घंटों बिजली गुल होने की शिकायतें आ रही हैं. इस हालात के दोनों कारण है. एक तो बिजली घरों में कोयले के स्टॉक का कम होना और दूसरा बढ़ती गर्मी के चलते बिजली की डिमांड का रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच जाना.
देश में बिजली की स्थिति पर नजर रखने वाली सरकार संस्था पॉवर सिस्टम ऑपरेशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड यानी POSOCO की वेबसाइट को देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि बिजली की मांग किस रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुकी है.
कुछ आंकड़े जान लीजिए
- रात 8 बजे बिजली की मांग
188222 मेगावाट - पीक ऑवर में बिजली की कमी
10778 मेगावाट - सबसे ज्यादा बिजली की मांग
दोपहर 2.25 बजे - दोपहर 2.25 बजे बिजली की सप्लाई
204653 मेगावाट
28 अप्रैल को प्रचंड गर्मी के बीच जब बिजली की सबसे ज्यादा डिमांड थी और इस दिन सबसे ज्यादा बिहार को बिजली की कमी झेलनी पड़ी.
किन राज्यों में बिजली की किल्लत
- झारखंड
- बिहार
- उत्तर प्रदेश
- राजस्थान
- पंजाब
- हरियाणा
- उत्तराखंड
- जम्मू कश्मीर
- मध्य प्रदेश
- छत्तीसगढ़
अब बिजली मंत्रालय इन राज्यों को कह रहा है कि बिजली एक्सचेंजों में बिजली उपलब्ध है और राज्य चाहें तो वहां से बिजली खरीद सकते हैं. बिजली मंत्रालय ने सभी बिजली एक्सचेंजों में बिजली की अधिकतम रेट घटाकर 12 रुपये प्रति यूनिट कर दी है.
कोयले के स्टॉक में हुई कमी की एक बड़ी वजह बिजली की मांग में अचानक आई तेजी भी है. केंद्र सरकार थर्मल प्लांटों को कोयले की सप्लाई पूरी करने के लिए कोशिश कर रही है. कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने रांची में कोल इंडिया लिमिटेड और सीनियर अधिकारियों के साथ बैठक कर कोयला आपूर्ति तेज करने पर चर्चा की. ये भरोसा दिया कि कोयले की कोई कमी नहीं है, सप्लाई चेन को मजबूत करने के लिए रेलवे ने 30 से ज्यादा ट्रेनें रद्द कर दी हैं.
केंद्र सरकार कोयले की क्राइसिस को दूर कर बिजली सप्लाई दुरुस्त करने की कोशिशों में जुट गई है. लेकिन विपक्ष इसमें हुई देरी पर सवाल उठा रहा है. विपक्ष केंद्र के खिलाफ हमलावर दिख रहा है.
राहुल गांधी ने एक बार फिर फेसबुक पर पोस्ट लिखकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है. राहुल ने लिखा, 20 अप्रैल, 2022 को मैंने मोदी सरकार से कहा था कि नफरत का बुलडोजर चलाना बंद करें और देश के बिजली संयंत्र शुरू करें. आज कोयला और बिजली संकट से पूरे देश में त्राहि-त्राहि मची है. फिर कह रहा हूं ये संकट छोटे उद्योगों को खत्म कर देगा, जिससे बेरोजगारी और बढ़ेगी. छोटे बच्चे इस भीषण गर्मी को बर्दाश्त नहीं कर सकते. अस्पतालों में भर्ती मरीजों की जिंदगी दांव पर है. रेल, मेट्रो सेवा ठप होने से आर्थिक नुकसान होगा. मोदी जी, आपको देश और जनता की फिक्र नहीं है क्या?
कांग्रेस की ओर से ही रणदीप सुरेजवाला ने भी केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए तीखे सवाल पूछे हैं..
आग बरसाती गर्मी, 12 घंटे के बिजली कट
PM मौन, बिजली-कोयला मंत्री गुम !
जबाब दें.
देश में 72074 मेगावाट क्षमता के प्लांट बंद क्यों?
173 पावर प्लांट्स में से 106 प्लांट्स में कोयला 0-25% के बीच ही क्यों?
कोयले की मांग रोज 22 लाख टन, सप्लाई 16 लाख टन ही क्यों?
जिन राज्यों में कोयले की कमी के चलते बिजली का संकट गहराया है, उनमें दिल्ली भी शामिल है. जहां पीक ऑवर में डिमांड 6000 मेगावॉट तक पहुंच चुकी है.लिहाजा अरविंद केजरीवाल भी दिल्ली को लेकर केंद्र सरकार को चेतावनी दे रहे हैं.
देश भर में बिजली की भारी समस्या हो रही है. अभी तक दिल्ली में हम लोग किसी तरह से मैनेज किए हुए हैं. इस समस्या से निपटने के लिए तुरंत ठोस कदम उठाने की जरूरत है
बिजली की किल्लत को फिलहाल पूरी करने के लिए केंद्र सरकार राज्यों को बिजली एक्सचेंजों से बिजली खरीदने की सलाह दे रही है तो बिजली घरों तक कोयले की सप्लाई को भी तेज करने की कोशिश हो रही है. देश में जो बिजली को लेकर जो हालात हैं, उससे विपक्ष को मोदी सरकार के खिलाफ हमला बोलने का बड़ा मौका मिल गया है.
देश में इन दिनों मांग के मुताबिक बिजली उत्पादन हो नहीं पा रहा. नतीजा ये है कि देश के 16 राज्यों में घंटों-घंटों की बिजली कटौती हो रही है. इस रिपोर्ट में देखिए कहां-कहां देश में कोयले की कितनी किल्लत है.
सबसे बड़ा सवाल यही है कि आगे क्या होगा? क्योंकि अभी बिजली बनाने वाले ज्यादातर पावर प्लांट्स में 5 से 10 दिन तक का कोयला मौजूद है. अगर इन प्लांट्स में कोयले की सप्लाई नहीं बढ़ी तो 10 दिन बाद बड़ा बिजली संकट खड़ा हो सकता है.
भारत में कोयले को लेकर अहम आंकड़े
- भारत में कुल बिजली उत्पादन का करीब 70 फीसदी कोयले के जरिए होता है.
- 27 अप्रैल तक घरेलू कोयले पर निर्भर 86 प्लांट कोयले की किल्लत का सामना कर रहे हैं.
- आयातित कोयले पर चलने वाले 15 में से 12 प्लांट में कोयले की कमी है.
- फिलहाल देश के 165 प्लांट में अनिवार्य स्टॉक का 33 फीसदी कोयला बचा है जो 10 दिनों की जरूरत पूरी कर सकता है.
- कोयले की इस कमी के कारण तमाम राज्यों में बिजली संकट बढ़ता जा रहा है
किस राज्य में बिजली की कितनी कमी
- 28 अप्रैल को बिजली की सबसे ज्यादा कमी बिहार में दर्ज की गयी
- यूपी में 1332 मेगावॉट
- हरियाणा में 1013 मेगावॉट
- राजस्थान में 767 मेगावॉट
- पंजाब में 700 मेगावॉट
- केरल में 350 मेगावॉट
- झारखंड में 175 मेगावॉट बिजली की कमी रही
- उत्तर प्रदेश भी बिजली संकट का सामना कर रहा है.
- उत्तर प्रदेश में 4 सरकारी थर्मल प्लांट में से 3 में कोयले की कमी है.
- इन चारों प्लांट से 6129 मेगावॉट बिजली पैदा होती है.
बिजली संकट पर क्या बोले सत्येंद्र जैन
सत्येंद्र जैन ने बिजली मुद्दे पर कहा, हमने केंद्र सरकार को लिखा है. प्लांट में आम तौर पर 21 दिन का कोयले का बैक अप होता है. अभी सिर्फ एक दिन का है. हमारा कोई पैसा बकाया नहीं है बाकी राज्यों का होगा। बिजली के मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है.
अखिलेश पर योगी सरकार का हमला
बिजली कटौती पर अखिलेश यादव के बयान पर कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल नंदी ने निशाना साधा है. उन्होंने कहा,अखिलेश यादव को अपने दिन याद आ रहे होंगे, जब दो चार जिलों में ही बिजली आती थी. बाकी प्रदेश अंधकार में रहता था. अखिलेश यादव ने सरकारी आवास से टोटी चोरी की, जो काम राहुल गांधी ने कांग्रेस को खत्म करने के लिए किया. वही काम अखिलेश यादव कर रहे हैं.
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