Coal Crisis: दक्षिण भारत के राज्यों में भी मंडराने लगा कोयले की आपूर्ति का खतरा, खड़ा हो सकता है बिजली का संकट
Power Crisis In South India: कोयले की आपूर्ति में कमी अब दक्षिण भारत के राज्यों में देखने को मिल रहा है. ऐसे में जल्द ही इन राज्यों में भी बिजली का संकट खड़ा हो सकता है.
Power Crisis: कोयले (Coal) की आपूर्ति में कमी की खबरों के बीच अब यहीं संकट दक्षिण भारत (South India) पर भी मंडरा रहा है. जल्द ही दक्षिण के राज्यों में भी बिजली (Power) का संकट खड़ा हो सकता है. दक्षिण के राज्यों के पास औसतन 4 से 7 दिन तक का कोयला रिजर्व है. अगर इन राज्यों को कोयले की वांछित आपूर्ति नहीं हो पाई तो अगले 4-5 दिनों में लोगों को भारी परेशानी हो सकती है.
तमिलनाडु: तमिलनाडु में आम तौर पर 2 से 3 सप्ताह तक का कोयले का रिसर्व स्टॉक रहता है लेकिन कोयले की आपूर्ति में आई कमी के चलते फिलहाल 4 से 5 दिन का रिसर्व ही बचा है. कुल 4320 मेगावाट बिजली उत्पादन करने वाले चेन्नई, मेट्टूर और तूतीकोरिन के 3 पॉवर स्टेशन में 3 से 5 दिन का रिसर्व स्टॉक बचा है. अधिकारियों का कहना है कि मौजूदा आपूर्ति के मद्देनजर 10 दिन तक बिना अवरोध के बिजली की आपूर्ति की जा सकती है लेकिन इसके बाद परेशानी हो सकती है.
कर्नाटक: बात करें कर्नाटक की तो इस संकट को भांपते हुए राज्य के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने केंद्र सरकार से राज्य को प्रतिदिन 14 रेक कोयला आवंटित करने की माँग की है. 1 रेक में 4000 टन कोयला आता है. राज्य में तीन थर्मल पॉवर स्टेशन हैं रायचूर, बल्लारी और एरमरस पॉवर स्टेशन इन तीन स्टेशन से प्रतिदिन तकरीबन 5020 MW बिजली का उत्पादन होता है और इसके लिए 11 रेक कोयले की जरूरत है. कर्नाटक में फिलहाल 6 से 10 रेक कोयले की आपूर्ति हो रही है जिसके चलते तीनों संयंत्रों में रिसर्व कोयले का इस्तेमाल शुरू हो गया अगर अगले 3-7 दिनों में सेंट्रल पूल से आवश्यक कोयला नहीं मिला तो राज्य में बिजली का संकट खड़ा हो जाएगा. इस संकट के बीच कर्नाटक के लिए राहत की बात ये है कि पिछले 10 दिनों में राज्य में अच्छी बारिश हुई है जिसके चलते हाइड्रो इलेक्ट्रिक संयत्रों में बिजली का उत्पादन बढ़ा है.
केरल: केरल की सरकार हालात पर पैनी नज़र बनाये हुए है, आम लोगों से अपील की गई है कि वे सोच समझकर बिजली खर्च करें नहीं तो भविष्य में संकट आ सकता है. शाम के समय जिसे पीक ऑवर्स कहा जाता है तब केरल में 120 से 200 मेगावाट बिजली की शॉर्टेज हो रही है, अधिकारियों के मुताबिक मौजूदा स्टॉक से फिलहाल आपूर्ति सम्भव है, लेकिन अगर ये दिक्कत लम्बे दिनों तक चली तो सरकार को कुछ सख्त कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ेगा.
आंध्र प्रदेश: आंध्रप्रदेश में दिक्कत ज्यादा है, यहाँ वांछित 70000 टन कोयले की तुलना में आपूर्ति सिर्फ 40000 टन की ही हो रही है. पिछले सप्ताह कोयले की कमी की वजह से 3 पॉवर स्टेशन को बंद करना पड़ा. फिलहाल आन्ध्र प्रदेश के पास सिर्फ 2 दिन का स्टॉक बचा है. सूबे के CM जगन मोहन रेड्डी ने केंद्र सरकार से तत्काल कोयला आपूर्ति की अपील की है.
तेलंगाना: तेलंगाना में फिलहाल हालात काबू में हैं. केंद्र सरकार के निर्देश पर यहाँ मौजूद सिंगारेनी कोयला खदान से प्रतिदन 30 की बजाय 34 रेक कोयले का उत्पादन और आपूर्ति की जा रही है ताकि पड़ोसी राज्य आंध्रप्रदेश की मदद की जा सके.
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