नई दिल्ली: कोयला घोटाला मामले में दिल्ली की एक अदालत ने पूर्व कोयला सचिव एच सी गुप्ता समेत पांच अन्य को भ्रष्टाचार और आपराधिक साजिश का दोषी ठहराया है. इस दौरान दिल्ली की अदालत ने सभी दोषियों को हिरासत में लेने को कहा और सजा की अवधि पर बहस के लिए तीन दिसंबर की तारीख तय की है. दोषियों को अधिकतम सात साल के कारावास की सजा हो सकती है.


विशेष सीबीआई जज भरत पाराशर ने गुप्ता के अलावा निजी कंपनी विकास मेटल्स एंड पावर लिमिटेड, एक सेवारत और एक सेवानिवृत्त नौकरशाह, कोयला मंत्रालय में पूर्व संयुक्त सचिव के एस क्रोफा और कोयला मंत्रालय में तत्कालीन निदेशक (सीए-1) के सी सामरिया को मामले में दोषी ठहराया. अदालत ने कंपनी के प्रबंध निदेशक विकास पटानी और उसके अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता आनंद मलिक को भी मामले में दोषी ठहराया.


ध्यान रहे कि कोयला घोटाला मामले में कई केस दर्ज हैं. आज अदालत ने फैसला पश्चिम बंगाल के मोइरा और मधुजोरी (उत्तर और दक्षिण) कोयला ब्लॉक का आवंटन विकास मेटल्स एंड पावर लिमिटेड (वीएमपीएल) को करने में कथित अनियमितताओं को लेकर सुनाया है. सितंबर 2012 में सीबीआई ने मामले में एक प्राथमिकी दर्ज की थी.