कोयला घोटाला: नवीन जिंदल समेत पांच के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश, जेएसपीएल ने किया आरोपों से इंकार
अदालत ने मामले में आरोपियों के खिलाफ औपचारिक रूप से आरोप तय करने के लिये 25 जुलाई की तारीख तय की है. मंत्रालय ने अक्टूबर 2009 में कंपनी को आवंटन पत्र जारी किया था.
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नई दिल्ली: दिल्ली की एक विशेष अदालत ने कोयला खंड आवंटन घोटाला मामले में सोमवार को उद्योगपति नवीन जिंदल और चार अन्य के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया. विशेष न्यायाधीश भरत पराशर ने जिंदल और अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 420 (धोखाधड़ी) और 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया.
जिंदल के अलावा जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड के पूर्व निदेशक सुशील मारू, पूर्व उपप्रबंध निदेशक आनंद गोयल, मुख्य कार्यकारी अधिकारी विक्रांत गुजराल और कंपनी की ओर से हस्ताक्षर करने के लिये अधिकृत अधिकारी डी एन अबरोल के खिलाफ आरोप तय किया जाना है. अदालत मध्य प्रदेश में अर्टन नॉर्थ कोयला खंड के आवंटन से संबंधित एक मामले की सुनवाई कर रही थी. अदालत ने मामले में आरोपियों के खिलाफ औपचारिक रूप से आरोप तय करने के लिये 25 जुलाई की तारीख तय की है.
झारखंड में अमरकोंडा मुर्गादंगल कोयला खंड आवंटन मामले में कथित अनियमितताओं से संबंधित अन्य मामले में पूर्व कोयला राज्य मंत्री दसारी नारायण राव और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा के साथ जिंदल को भी आरोपी बनाया गया है. मामले में सीबीआई के आरोपपत्र के अनुसार आरोपियों ने मध्य प्रदेश कोयला खंड का अधिकार पाने के लिये स्क्रीनिंग कमेटी के समक्ष अपने जनवरी 2007 के आवेदन में गलत तथ्य दिये थे और गलत तरीके से लाभ पाने के लिये कोयला मंत्रालय को धोखे में रखा, जिसकी वजह से इस कोयला खंड के लिये उनके नाम की सिफारिश की गयी.
मंत्रालय ने अक्टूबर 2009 में कंपनी को आवंटन पत्र जारी किया था. जांच एजेंसी ने आरोपपत्र में 60 दस्तावेजों को जोड़ने के अलावा अपने मामले को साबित करने के लिये 64 व्यक्तियों के नाम अभियोजन पक्ष के गवाह के तौर पर शामिल किये हैं. आरोपपत्र में कहा गया है कि प्रतिक्रिया फॉर्म में कंपनी ने दो मायने में गलत दावे किये कि उसने झारखंड के पतरातू परियोजना के लिये पहले ही 964 एकड़ भूमि अधिगृहित कर ली है और उसने ओडिशा में अपने अंगुल परियोजना के लिये 4,340 करोड़ रुपये के उपकरण का ऑर्डर दे दिया है.
जेएसपीएल ने दिया है बयान, बताया है सच
अब इन आरोपों पर जेएसपीएल की तरफ से प्रतिक्रिया आई है और उसमें कहा गया है कि जेएसपीएल अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों से इंकार करती है और इस बात को दोहराती है कि कंपनी ने कुछ भी गलत नहीं किया है. हमें पूरा भरोसा है कि न्यायिक प्रक्रिया के दौरान हमारा सच सामने आ जाएगा. कंपनी और व्यक्तियों के खिलाफ लगाए गए आरोप गलत हैं. सीबीआई की शुरुआती चार्जशीट गलत है जिसमें कहा गया है कि कंपनी ने स्क्रीनिंग कमेटी के सामने आवेदन में गलत तथ्य दिये थे और गलत तरीके से लाभ पाने के लिये कोयला मंत्रालय को धोखे में रखा, जिसकी वजह से इस कोयला खंड के लिये उनके नाम की सिफारिश की गयी. कंपनी ने सभी नियमों का पालन करते हुए तथा सभी वैधानिक तरीकों के जरिए प्लांट को हासिल किया है.
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