नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की अपील पर सुनवाई के लिए 16 अप्रैल की तारीख तय की है. कोड़ा और कुछ दूसरे लोगों को एक कोयला घोटाला मामले में दोषी पाया गया था और उन्हें तीन साल की जेल की सजा सुनायी गयी थी. हाई कोर्ट ने अपील की सुनवाई लंबित रहने तक उनकी जमानत की अवधि भी बढ़ा दी.


जज अनु मल्होत्रा ने कोड़ा के अलावा उनके करीबी सहयोगी विजय जोशी की जमानत अवधि भी बढ़ा दी.


कोर्ट ने झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव ए.के.बसु को तीन साल की सजा भी मामले के अंतिम निर्णय तक निलंबित कर दी और एक लाख के निजी बांड पर उन्हें जमानत दे दी. केंद्रीय जांच ब्यूरो की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील आर.एस.चीमा ने कोर्ट को कहा कि एजेंसी इस समय तीनों दोषियों की अपील पर कोई प्रतिक्रिया दायर नहीं करना चाहती है.


कोर्ट ने इसे स्वीकार करते हुए अपील की सुनवाई के लिए 16 अप्रैल की तारीख तय कर दी तथा दोनों पक्षों को लिखित में अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया. कोर्ट ने दोषियों को अगली सुनवाई में पेश होने का भी निर्देश दिया.


क्या है पूरा मामला?

यह मामला झारखंड में राजहरा नॉर्थ कोयला ब्लॉक को कोलकाता की विनी आयरन एंड स्टील उद्योग लि(वीआईएसयूएल) को आवंटित करने में कथित अनियमिताओं से संबंधित है. बता दें कि पूर्व सीएम मधु कोड़ा, पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता समेत कई लोगों के खिलाफ कोयला घोटाला मामले में केस दर्ज किया गया था.

कितने लोग शामिल थे?

मधु कोड़ा, गुप्ता और कंपनी के अलावा मामले में दूसरें आरोपी झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव ए के बसु, दो लोक सेवक- बसंत कुमार भट्टाचार्य, बिपिन बिहारी सिंह, वीआईएसयूएल के निदेशक वैभव तुलस्यान, कोड़ा के कथित करीबी सहयोगी विजय जोशी और चार्टर्ड अकाउंटेंट नवीन कुमार तुलस्यान शामिल हैं.

कौन-कौन सी धारा के तहत इन्हें सजा दी गई?

आठों आरोपी समन जारी होने के बाद कोर्ट में पेश हुए थे. इसके बाद कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी. कोर्ट ने आईपीसी की धारा 120 बी(आपराधिक साजिश), 420 (धोखाधड़ी),409 (सरकारी कर्मियों द्वारा आपराधिक विश्वासघात) और भ्रष्टाचार की रोकथाम अधिनियम के प्रावधानों के तहत दर्ज मामले का संज्ञान लिया था और इसके बाद उन्हें आरोपी के तौर समन किया गया था.

कोयला घोटाला मामले में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा को कोर्ट ने 13 दिसंबर,2017 को दोषी करार दिया था. सीएम मधु कोड़ा के अलावा पूर्व कोयला सचिव एच सी गुप्ता समेत कुल चार लोगों को आपराधिक साजिश रचने और भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत दोषी करार दिया था.