नई दिल्ली: दिल्ली की एक विशेष अदालत ने कोयला घोटाला मामले में कांग्रेस नेता और उद्योगपति नवीन जिंदल व अन्य के खिलाफ घूसखोरी के लिए उकसाने का अतिरिक्त आरोप तय करने का आज आदेश दिया है. यह मामला झारखंड के अमरकोंडा मुर्गदंगल कोयला ब्लॉक आवंटन से जुड़ा हुआ है. विशेष न्यायाधीश भरत पराशर ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ 16 अगस्त को औपचारिक तौर पर आरोप तय किए जाएंगे.


कोर्ट ने अप्रैल 2016 में जिंदल, पूर्व कोयला राज्य मंत्री दसारी नारायण राव, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा, पूर्व कोयला सचिव एच सी गुप्ता और अन्य 11 के खिलाफ आईपीसी और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धाराओं के तहत आपराधिक षडयंत्र, धोखाधड़ी के लिए आरोप तय करने के आदेश दिए थे. हालांकि उस वक्त भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 12 के तहत आरोप नहीं तय किया गया था.


आज के आदेश में कोर्ट ने कहा कि राव के खिलाफ घूसखोरी का आरोप था लेकिन चूंकि अब वह जीवित नहीं हैं तो उनके खिलाफ आरोप तय नहीं किया जाएगा. कोर्ट ने जिंदल स्टील के तत्कालीन सलाहकार आनंद गोयल, निहार स्टॉक्स लिमिटेड के निदेशक बीएसएन सूर्यनारायण और मुंबई की एस्सार पावर लिमिटेड के कार्यकारी उपाध्यक्ष सुशील कुमार मारु के खिलाफ धारा 120 बी (आपराधिक षड्यंत्र) लगाने का भी आदेश दिया है.


इन तीनों को इस मामले में तैयार एक अलग आरोपपत्र में नामजद किया गया था. कोर्ट ने मुंबई के केई इंटरनेशनल के मुख्य वित्तीय अधिकारी राजीव अग्रवाल और गुड़गांव के ग्रीन इंफ्रा के उपाध्यक्ष सिद्धार्थ माद्रा को सबूतों के अभाव में मामले से आरोपमुक्त कर दिया.


आरोपों पर बहस करते हुए सीबीआई के उप विधिक सलाहकार वी के शर्मा ने कोर्ट को बताया कि जिंदल के खिलाफ अधिनियम की धारा सात और धारा 12 के तहत मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं.


सीबीआई का आरोप था कि कोड़ा ने अमरकोंडा मुर्गदंगल ब्लॉक के आवंटन के लिए जिंदल समूह की कंपनियों- स्टील एंड पावर लिमिटेड (जेएसपीएल) और गगन स्पंज आयरन प्राइवेट लिमिटेड (जीएसआईपीएल) को लाभ पहुंचाया था.