महाराष्ट्र में स्टॉक खत्म होने के करीब! सिर्फ इतना बचा है कोयला, मंत्री बोले- बिजली संकट न हो, इसके लिए काम कर रही सरकार
राज्य के ऊर्जा मंत्री नितिन राऊत बोले कि जलसंपदा मंत्री से पानी मुहैया कराने को लेकर बात की गई है, जिससे हाइड्रो की बिजली मुहैया कराई जा सके. वहीं कोयना डैम में 17 टीएमसी पानी बचा हुआ है.
देश भर में बढ़ती गरमी के बीच ऊर्जा संकट गहरा रहा है, इस बीच महाराष्ट्र के ऊर्जामंत्री ने बयान जारी कर राज्य के कोयला स्टॉक के बारे में चौंकाने वाले आंकड़े पेश किए हैं. महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री नितिन राऊत ने कहा कि महाराष्ट्र में कुछ प्लांट में डेढ़ दिन, कुछ प्लांट में 3 दिन तो कुछ प्लांट में 6 दिन का कोयला ही बचा है. हालांकि उन्होंने इस दौरान दावा किया कि बिजली संकट को दूर करने के लिए महाराष्ट्र सरकार काम कर रही है.
राज्य के ऊर्जा मंत्री नितिन राऊत बोले कि जलसंपदा मंत्री से पानी मुहैया कराने को लेकर बात की गई है, जिससे हाइड्रो की बिजली मुहैया कराई जा सके. वहीं कोयना डैम में 17 टीएमसी पानी बचा हुआ है, प्रतिदिन 1 टीएमसी (थाउजेंड मिलियन क्यूबिक) पानी, बिजली बनाने के लिए लगता है. जलसंपदा मंत्री ने कहा कि पानी और ज्यादा उपलब्ध कराने की बात की जा रही है, जिससे बिजली यहां पर पानी से बनाई जा सके.
उन्होंने ये भी कहा कि राज्य सरकार को लोडशेडिंग से मुक्त कराना है तो कोयले की जरूरत है. इसके साथ ही पानी की जरूरत है ,गैस की जरूरत है, एपीएम गैस की जरूरत है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से कॉन्ट्रैक्ट जो हुआ है उसके तहत केंद्र सरकार को एपीएम गैस राज्य सरकार को उपलब्ध कराना चाहिए, लेकिन केंद्र सरकार वह भी नहीं दे रही रही है.
महाराष्ट्र के मंत्री ने कहा कि लोडशेडिंग से महाराष्ट्र को मुक्त कराना है तो यह सब हमें उपलब्ध करना पड़ेगा. महाराष्ट्र सरकार को कोयले के लिए केंद्र सरकार को 2200 करोड़ देना है. केंद्र ने कहा है कि पहले आप पैसे दीजिए उसके बाद हम कोयला देंगे.
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