Election 2022: देश में कोरोना महामारी के बीच केंद्रीय चुनाव आयोग ने 5 राज्यों में विधानसभा चुनावों की तारीखों का एलान कर दिया है. केंद्रीय चुनाव आयोग के अनुसार उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा विधानसभा चुनावों के लिए तारीखों की घोषणा कर दी गई है. चुनाव आयोग पांच राज्यों में 7 चरणों में चुनाव कराने जा रहा है. ऐसे में सबसे ज्यादा विधानसभा सीट रखने वाले उत्तर प्रदेश में 7 चरणों में चुनाव होंगे वहीं मणिपुर में दो चरणों में चुनाव के लिए वोटिंग की जाएगी.
फिलहाल बाकी बचे तीन राज्य गोवा, उत्तराखंड और पंजाब में सिर्फ एक ही चरण में मतदान होगा. बता दें कि यूपी में पहला चरण 10 फरवरी, दूसरा चरण 14 फरवरी, तीसरा चरण 20 फरवरी, चौथा चरण 23 फरवरी, पांचवा चरण 27 फरवरी, छठा चरण 3 मार्च, सातवां चरण 7 मार्च को होगा. इसके अलावा 14 फरवरी को यूपी के साथ ही पंजाब, गोवा और उत्तराखंड में वोटिंग होगी. इन तीन राज्यों में एक ही चरण में वोटिंग होगी. मणिपुर में 27 फरवरी और 3 मार्च को दो चरणों में वोटिंग होगी.
निर्वाचन आयोग ने शनिवार को पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के कार्यक्रमों की घोषणा करने के साथ ही इन पांचों राज्यों में आदर्श आचार संहिता लागू कर दी है. इसके साथ ही चुनाव आयोग का कहना है कि कोविड-19 के मद्देनजर कोई भी राजनीतिक दल या उम्मीदवार किसी भी तरह की रैली या जनसभा, रोड शो, पद यात्रा या साइकिल या बाइक रैली या फिर नुक्कड़ सभाओं जैसे आयोजन 15 जनवरी तक नहीं कर सकेगा.
फिलहाल पांचों राज्यों में चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद अब नेता और राज्य सरकारें मात्र कार्यवाहक सरकार के तौर पर काम करेंगी. आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद अब कोई भी मंत्री या राज्य सरकार से संबद्ध नेता किसी तरह की घोषणा नहीं कर पाएंगे.
आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद अब सारी जिम्मेदारी प्रशासनिक अधिकारियों की होगी. जहां पहले इन अधिकारियों को किसी भी काम के लिए मंत्रियों के आदेश का इंतजार करना होता था, वहीं अब यह प्रशासनिक अधिकारी सीधे चुनाव आयोग के निर्देशों का पालन करेंगे. इस दौरान कोई भी नेता या मंत्री किसी भी अधिकारी का तबादला नहीं करा सकेगा. वहीं इस दौरान किसी भी अधिकारी को नेता का साथ निभाते पाए जाने पर उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सकेगी.
आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले कोई भी नेता अपनी विपक्षी पार्टियों के लिए अपशब्दों के साथ ही भड़काऊ भाषण देते देखे जाते थे. वहीं आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद अब कोई भी नेता अपशब्दों का इस्तेमाल नहीं कर पाएगा, इसके साथ ही अगर किसी नेता ने भड़काऊ भाषण दिए तो उसके खिलाफ निश्चित कार्रवाई तय है.
आदर्श आचार संहिता लागू होने के दौरान नेता और मंत्री किसी भी तरह की सरकारी घोषणा के अलावा कोई भी लोकार्पण और शिलान्यास का काम नहीं कर पाएंगे. इस दौरान कोई भी नेता जाति और धर्म के नाम पर वोट भी नहीं मांग सकते हैं. वहीं इस दौरान किसी भी राजनीतिक दल को रैली करने के लिए पुलिस से अनुमति जरूरी होगा.
देश या फिर राज्य में पूरी तरह से निष्पक्ष चुनाव कराए जाने के लिए ही चुनाव आयोग कुछ नियमों को लागू करता है, जिसे ही आदर्श आचार संहिता कहते हैं. आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद सभी नेता, मंत्री और राजनीतिक दलों को इन नियमों का पालन करना सबसे ज्यादा जरूरी होता है. जिसके तोड़ने पर चुनाव आयोग उनके खिलाफ कार्रवाई कर सकता है. फिलहाल मतदान के बाद वोटों की गिनती होने तक आदर्श आचार संहिता लागू रहती है.