(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
सिद्धार्थ की कंपनी ‘कैफे कॉफी डे’ पर है 5200 करोड़ रुपए का कर्ज, 75 प्रतिशत से अधिक शेयर गिरवी
कॉफी डे एंटरप्राइजेज की प्रवर्तक कंपनियों देवदर्शनी इंफो टेक्नोलॉजीस, कॉफी डे कन्सॉलिडेशन, गोनीबेडु कॉफी एस्टेट और सिवन सिक्योरिटीज ने भी समय-समय पर भारी कर्ज लिया था.
नई दिल्ली: कैफे कॉफी डे (सीसीडी) चलाने वाले दिग्गज कारोबारी वी. जी सिद्धार्थ की कंपनी ' कॉफी डे एंटरप्राइजेज लिमिटेड' की देनदारी 2018-19 में दोगुनी होकर 5,200 करोड़ रुपये हो गई. इसके अलावा उनकी गैर - सूचीबद्ध रीयल्टी समेत अन्य इकाइयों पर भी कर्ज है. शेयर बाजार और कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय को दी गई सूचना से इसकी जानकारी मिली है.
सिद्धार्थ ने शेयरों को गिरवी रखकर पूंजी जुटाने की कोशिश की थी
सीसीडी के संस्थापक सिद्धार्थ सोमवार शाम को लापता हो गए थे और 36 घंटे की कड़ी खोजबीन के बाद बुधवार को उनका शव बरामद हुआ. मंत्रालय को दी गई सूचनाओं के अनुसार , उन्होंने सूचीबद्ध और चार गैर - सूचीबद्ध कंपनियों में अपने शेयरों को गिरवी रखकर पूंजी जुटाने की कोशिश की ताकि वह व्यक्तिगत और कंपनी का कर्ज चुका सके. उनके कुछ कर्ज की अदायगी इसी महीने होनी थी.
सिद्धार्थ और उनके परिवार ने कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी के 75 प्रतिशत से ज्यादा शेयरों को गिरवी रखा हुआ है. एक साल पहले यह आंकड़ा 60 प्रतिशत था. सिद्धार्थ की कई इकाइयां हैं , जिन्होंने बैंकों और वित्तीय संस्थानों समेत अन्य संगठनों से पैसा उधार लिया था. सिद्धार्थ ने सीसीडी के निदेशक मंडल को लिखे पत्र में कहा है कि उन पर एक निजी इक्विटी साझेदार का दबाव है , जो मुझे शेयर वापस खरीदने के लिए मजबूर कर रहा है. मैंने 6 महीने पहले एक दोस्त से बड़ी रकम उधार लेकर इस लेनदेन का कुछ हिस्सा पूरा किया है. "
सिद्धार्थ के पत्र में आयकर विभाग के अधिकारी द्वारा प्रताड़ित किए जाने का जिक्र
पत्र में आयकर विभाग के एक अधिकारी द्वारा " प्रताड़ित " किए जाने का भी जिक्र है. जिसने माइंडट्री में उनके शेयर कुर्क किए थे. शेयर बाजार को दी गई जानकारी के मुताबिक , बीएसई में सूचीबद्ध कॉफी डे एंटरप्राइजेज लिमिटेड (सीडीईएल) की 31 मार्च 2019 तक कुल देनदारी 5,251 करोड़ रुपये है. एक साल पहले की समान अवधि में यह आंकड़ा 2,457.3 करोड़ रुपये था.
कॉफी डे एंटरप्राइजेज की प्रवर्तक कंपनियों देवदर्शनी इंफो टेक्नोलॉजीस, कॉफी डे कन्सॉलिडेशन, गोनीबेडु कॉफी एस्टेट और सिवन सिक्योरिटीज ने भी समय-समय पर भारी कर्ज लिया था. सिद्धार्थ की कंपनियों ने टाटा कैपिटल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड और क्लिक्स कैपिटल सर्विसेज (पूर्व में जीई मनी फाइनेंस सर्विसेज) के साथ शापोरजी पल्लोनजी फाइनेंस (एसपीएफ) से भी कर्ज लिया था. अप्रैल 2018 की ऐसी ही एक नियामकीय सूचना में कहा गया कि एसपीएफ ने तांगलिन डेवलपमेंट्स लिमिटेड को 12 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करने की सैद्धांतिक मंजूरी दी थी. यह कर्ज प्रतिभूति के बदले दिया जाना था.
सिद्धार्थ की कंपनी में कुल हिस्सेदारी थी 53.93 प्रतिशत
सिद्धार्थ की गैर-सूचीबद्ध कंपनियों द्वारा लिए गए कर्ज की सटीक जानकारी तुरंत हासिल नहीं हो सकी है. मंत्रालय को दी सूचना के मुताबिक, मार्च 2018 के अंत में कॉफी डे कन्सॉलिडेशन की अल्प अवधि कर्ज और मौजूदा देनदारी 36.53 करोड़ रुपये थी. कॉफी डे एंटरप्राइजेज में जून के अंत में सिद्धार्थ की 32.7 प्रतिशत, उनकी पत्नी मालविका हेगड़े की 4.05 प्रतिशत और प्रवर्तक समूह की चार अन्य कंपनियों की 17 प्रतिशत से थोड़ी ज्यादा हिस्सेदारी है. इस तरह से उनकी कंपनी में कुल हिस्सेदारी 53.93 प्रतिशत बैठती है. प्रवर्तक इकाइयों ने कंपनी में अपनी कुल हिस्सेदारी का करीब-करीब 75.7 प्रतिशत हिस्सेदारी (यानी 8.62 करोड़ शेयर) गिरवी रखे हुये थे.
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