नई दिल्ली: जनवरी का जाड़ा जानलेवा हो गया है. पहाड़ों को बर्फ ने बेहाल किया है तो मैदानी इलाके में लोग कड़ाके की ठंड की मार झेल रहे हैं. राजधानी दिल्ली भी प्रचंड ठंड की चपेट में है. खबर है कि दिल्ली में अब तक 44 बेघर लोगों की जान ठंड से चली गई है. लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ठंड से हुई इन मौतों के लिए उपराज्यपाल अनिल बैजल को जिम्मेदार ठहराया है.


इस बार अबतक 44 लोगों की मौत


राजधानी दिल्ली में पड़ रही कड़ाके की ठंड में एक संस्था का दावा है कि अब तक 44 लोगों की जान चली गई. रैनबरेसों की कमी की वजह से मौतें हुई हैं. गरीबों को ठंड से बचाने के बजाय इस बार भी केजरीवाल सरकार टोपी ट्रांसफर करने में लगी है. केजरीवाल सरकार ने सारा दोष दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर अनिल बैजल पर डाल पल्ला झाड़ लिया.


एलजी ने निकम्मे अधिकारियों को नियुक्त किया- केजरीवाल


ठंड से हुई मौतों पर सीएम केजरीवाल ने ट्वीट कर लिखा, ‘’मीडिया ठंड की वजह से 44 बेघरों की मौत की रिपोर्ट चला रहा है. मैं शेल्टर इम्पावरमेंट बोर्ड को कारण बताओ नोटिस जारी कर रहा हूं. इस साल एलजी ने निकम्मे अधिकारियों को नियुक्त कर दिया है. अधिकारियों की नियुक्ति में एलजी ने हमारी सलाह मानने से इनकार कर दिया. हम ऐसे कैसे सरकार चला सकते हैं?’’





अधिकारियों ने मौत होने से किया इंकार


वहीं, जब इस बारे में शेल्टर इम्पॉवरमेंट बोर्ड के सीईओ सुखबीर सिंह से पूछा गया तो उनका जवाब चौंकाने वाला था. वो मानने को ही तैयार नहीं है कि दिल्ली में ठंड की वजह से किसी गरीब की मौत हुई है. इसी रवैये की वजह से विपक्ष दिल्ली सरकार पर हमलावर है.


2004 से 2015 के बीच दिल्ली में 33 हजार 518 बेघर लोगों की मौत


दिल्ली में करीब 1 लाख 50 हजार लोग फुटपाथ पर सोते हैं. फुटपाथ पर सोने वालों के लिए  रैन बसेरा बनाने का सुप्रीम कोर्ट का आदेश है. दिल्ली सरकार ने सिर्फ 252 रैन बसेरे बनवाए हैं. दिल्ली में बने रैन बसेरों की क्षमता केवल 19 हजार लोगों की है. साल 2004 से 2015 के बीच दिल्ली में 33 हजार 518 बेघर लोगों की मौत हुई है.