Delhi Weather Report: प्रदूषण की मार झेल रहे दिल्लीवालों के लिए सर्दी के मौसम की शुरुआत हो गई है. मौसम में आए परिवर्तन के कारण राष्ट्रीय राजधानी में मिजाज बदला नजर आ रहा है. बीते शुक्रवार (नवंबर) को दिल्ली में अधिकतम तापमान 28.5 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 14.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था. इसका मतलब है कि दिल्ली में गुलाबी ठंड की शुरुआत हो गई है. मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार आने वाले दिनों में तापमान गिरकर 12 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने के आसार हैं.


क्या है मौसम के बदलाव का कारण


मौसम विभाग के मुताबिक, दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है, जिसके कारण देश के कई हिस्सों में लगातार बारिश हो रही है. मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक, पिछले 24 घंटों में तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के दक्षिणी तट के कुछ हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश हुई है. 


हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, दक्षिण-पश्चिमी उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश में एक से अधिक, कई स्थानों पर भी हल्की बारिश हुई है. हरियाणा, पंजाब, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली के कुछ हिस्सों में भी न्यूनतम तापमान में से दो-तीन डिग्री तक की गिरावट दर्ज की गई है.


आने वाले दिनों में क्या रहेगा मौसम का हाल


मौसम विभाग की एजेंसी स्काईमेट के अनुसार, आने वाले दिनों में देश के उत्तर-पश्चिमी और मध्य भागों में दिन और रात के तापमान में और गिरावट दर्ज की जा सकती है. अगले 24 घंटे की बात करें तो तमिलनाडु के तटीय भाग और आंध्र प्रदेश के दक्षिणी तट पर मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना है. वहीं, कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है जिससे मौसम में बदलाव होगा.


दिल्ली में क्या रहेगा प्रदूषण का स्तर


बीते दिनों जहां दिल्ली के प्रदूषण स्तर में काफी सुधार दर्ज किया गया था और लोगों को काफी राहत मिली थी लेकिन SAFAR APP के मुताबिक, एक बार फिर से दिल्ली के प्रदूषण में इजाफा हो सकता है. शनिवार (12 नवंबर) से एक बार फिर दिल्ली का प्रदूषण बढ़ सकता है और आने वाले 6 दिनों तक इसके खराब स्थिति में बने रहने का अनुमान लगाया गया है.


जलवायु परिवर्तन की मार


विशेषज्ञों के मुताबिक, जलवायु परिवर्तन की मार भारत में भी पड़ रही है. इसके कारण देश के कई हिस्सों में ठंड देरी से पड़ रही है और बेमौसम बारिश देखी जा रही है. हाल में विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने बताया था कि जलवायु परिवर्तन के कारण पिछले आठ वर्ष सबसे गर्म दर्ज किए जाने वाले हैं. संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी ने बताया था कि पिछले दस वर्षों में गर्मी के चलते ग्लेशियर पिघलने के कारण समुद्र का स्तर बढ़ गया है.


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