नई दिल्ली: सोशल मीडिया में निधि निवेदिता का वीडियो वायरल हो रहा है. मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले की कलेक्टर के दो तरह के वीडियो हैं. एक वीडियो में वे कुछ लोगों को थप्पड़ मारते नजर आ रही हैं. रविवार को नागरिकता कानून के समर्थन में बीजेपी के लोग प्रदर्शन कर रहे थे. इसी दौरान वे बीजेपी कार्यकर्ताओं से उलझ गईं.
दूसरे वीडियो में तिरंगे लिए कुछ लोग उनके साथ धक्का मुक्की कर रहे हैं. 2012 बैच की IAS निधि निवेदिता के दोनों वीडियो को लेकर देश भर में बहस जारी है. बीजेपी के नेता और कार्यकर्ता उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. वहीं कांग्रेस समेत विपक्ष के लोग उन्हें बहादुर अफसर बता रहे हैं. कोई निधि को सही ठहरा रहा है तो कुछ लोग उन्हे गलत ठहरा रहे हैं. राजगढ़ प्रशासन के कहने पर 150 नेताओं पर बिना इजाजत के प्रदर्शन करने पर मुकदमा भी दर्ज हो गया है. अब बीजेपी चाहती है कि पार्टी कार्यकर्ताओं से मारपीट के आरोप में निधि पर भी केस हो.
राजगढ़ की कलेक्टर बनने से पहले भी निधि निवेदिता विवादों में रही हैं. बिहार के गया की रहने वाली निधि की गिनती कड़क और ईमानदार अफसरों में होती है. उनका नाम सबसे पहले तब विवादों में उछला था जब वे सिंगरौली में जिला पंचायत की सीईओ थीं. तब उन्होंने एक पंचायत सचिव से उठक बैठक करवा दी थी. शौचालय योजना का निरीक्षण करने वे निकली थीं. तो एक जगह पर उन्हे टॉयलेट बना हुआ नहीं मिला. जबकि वहां के पंचायत सचिव ने एक बने हुए शौचालय की फर्जी फोटो रिकॉर्ड में लगा दी थी. ये सब देख कर निधि को गुस्सा आ गया. पंचायत सचिव सुरेश सिंह को उन्होंने मौके पर ही सजा दे दी. उनसे उठक बैठक करवाया. जिसका वीडियो सोशल मीडिया में खूब वायरल हुआ था. ये बात 2016 की है.
ठीक तीन सालों बाद निधि निवेदिता का नाम एक बार फिर चर्चा में आया. राजगढ़ जिले में बीजेपी के लोग धरना प्रदर्शन कर रहे थे. डीएम निधि निवेदिता से पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल बातचीत कर रहा था. इसी मीटिंग में पूर्व मंत्री बदरीलाल यादव ने कह दिया कि 90 दिनों में कांग्रेस की सरकार गिर जाएगी. डीएम ने उनसे कहा कि यहां पॉलिटिकल बात मत करिए. दोनों के बीच इसी बात पर बहस हो गई. जिसका वीडियो खूब चर्चा में रहा. एक लड़की को उन्होंने जरूरत पड़ने पर ब्लड डोनेट किया था. इस बात पर उन्हें बड़ी वाहवाही मिली थी. कविता नाम की लड़की अस्पताल में भर्ती थी. उसे बी पॉजिटिव खून नहीं मिल रहा था. उसके पिता ने सोशल मीडिया पर ये जानकारी डाली. निधि को जैसे ही पता चला वे अस्पताल पहुंच गईं. उन्होंने मरीज के लिए ब्लड दिया.
2012 बैच की आईएएस निधि निवेदिता की पढ़ाई लिखाई झारखंड में हुई. उनके ही बैच के यूपी के एक आईएएस अफसर ने बताया कि निधि शुरू से ही मेहनती रही हैं. ऐसा नहीं है कि वे गुस्सैल स्वभाव की हों. हम सब उन्हें एक अच्छे इंसान और अधिकारी के रूप में जानते हैं
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