सुप्रीम कोर्ट को मिलेंगे नए जज, कॉलेजियम ने सरकार को भेजे हाईकोर्ट के 5 जजों के नाम
Supreme Court Collegium: कॉलेजियम ने जस्टिस पंकज मित्तल, जस्टिस संजय करोल, जस्टिस पीवी संजय कुमार, जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और जस्टिस मनोज मिश्रा का नाम भेजा है.
Judges Elevate to Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट को जल्दी नए न्यायाधीश मिलने वाले हैं. कॉलेजियम ने हाईकोर्ट के 5 जजों को प्रमोट करके सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश बनाने के लिए सरकार के पास प्रस्ताव भेज दिया है. इनमें राजस्थान, मणिपुर, इलाहाबाद हाई कोर्ट के एक-एक जज और पटना हाईकोर्ट के दो जज शामिल हैं.
जिन जजों के नाम भेजे गए हैं, उनमें जस्टिस पंकज मित्तल, जस्टिस संजय करोल, जस्टिस पीवी संजय कुमार, जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और जस्टिस मनोज मिश्रा शामिल हैं. इससे पहले न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था.
सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या 28 हुई
जस्टिस दत्ता के शपथ ग्रहण के साथ ही सुप्रीम कोर्ट में जजों की कुल संख्या 28 हो गई है, सर्वोच्च न्यायालय में अब 6 पद खाली हैं. प्रधान न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने सोमवार (12 दिसंबर) को ही बंबई हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता को सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में शपथ दिलाई थी.
CJI चंद्रचूड़ के कॉलेजियम का पहला सेट
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम की ओर से सिफारिशों का यह पहला सेट है. कॉलेजियम की ओर से 5 जजों के नाम उस वक्त भेजे गए हैं, जब केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कॉलेजियम सिस्टम को ही गलत बताया था. केंद्रीय कानून मंत्री कॉलेजियम पर कहा था, "कॉलेजियम सिस्टम के कारण जज आधा समय नियुक्तियों की पेचिदगियों में ही व्यस्त रहते हैं, इसकी वजह से न्याय देने की उनकी जो मुख्य जिम्मेदारी है उस पर असर पड़ता है."
कानून मंत्री ने उठाए थे कॉलेजियम पर सवाल
जजों की नियुक्ति की प्रक्रिया पर एक सवाल के जवाब में रिजिजू ने कहा था, "1993 तक भारत में जजों को भारत के मुख्य न्यायाधीश के परामर्श से कानून मंत्रालय द्वारा नियुक्त किया जाता था. उस समय हमारे पास बहुत प्रतिष्ठित जज थे." उन्होंने कहा था, "विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका ये भारत में लोकतंत्र के तीन स्तंभ हैं. कार्यपालिका और विधायिका अपने कर्तव्यों में बंधे हैं और न्यायपालिका उन्हें सुधारती है, लेकिन जब न्यायपालिका भटक जाती है तो उन्हें सुधारने का कोई उपाय नहीं है."
कॉलेजियम पर CJI का बयान
कॉलेजियम पर केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू की टिप्पणी पर सीजेआई चंद्रचूड़ ने असहमति जताई थी. सीजेआई ने कहा था, "कॉलेजियम सिस्टम की आलोचना होती है, लेकिन मैं कहना चाहूंगा कि सभी जज संविधान के सिपाही हैं. उन्होंने कहा कि लोगों का हित सिर्फ जनहित याचिका से नहीं होता है, बल्कि इस बात से होता है कि न्याय तक सभी की पहुंच हो. उन्होंने कहा कि लोग सार्वजनिक सेवाओं के प्रति प्रतिबद्धता की भावना के लिए न्यायाधीश बनते हैं. जज बनना अंतरात्मा की पुकार है."