देश को मिल सकती है पहली महिला चीफ जस्टिस, कॉलेजियम ने सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति के लिए 9 नामों की सिफारिश की
कॉलेजियम की बैठक के बाद 9 जजों की नियुक्ति की सिफारिश केंद्र को भेजी गई है. इनमें 3 महिला जज हैं. साथ ही एक वरिष्ठ वकील की सीधे सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति के लिए सिफारिश की गई है.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में जजों के 9 खाली पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हो गई है. चीफ जस्टिस एन वी रमना की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कॉलेजियम की बैठक के बाद 9 जजों की नियुक्ति की सिफारिश केंद्र को भेजी गई है. इनमें 3 महिला जज हैं. साथ ही एक वरिष्ठ वकील की सीधे सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति के लिए सिफारिश की गई है.
जिन लोगों के नाम केंद्र को भेजे गए हैं, वह हैं :-
- तेलंगाना हाई कोर्ट की चीफ जस्टिस हिमा कोहली
- कर्नाटक हाई कोर्ट की जज जस्टिस बी वी नागरत्ना
- गुजरात हाई कोर्ट की जज जस्टिस बेला त्रिवेदी
- वरिष्ठ वकील पी एस नरसिम्हा को सीधे सुप्रीम कोर्ट जज बनाने की सिफारिश की गई है.
- कर्नाटक हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ए एस ओका
- गुजरात हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस विक्रम नाथ
- सिक्किम हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस जे के माहेश्वरी
- केरल हाई कोर्ट के जज जस्टिस सी टी रविंद्रकुमार,
- मद्रास हाई कोर्ट के जज एम एम सुंदरेश
कॉलेजियम ने पहली बार तीन महिला न्यायाधीशों के नामों की सिफारिश की है. कर्नाटक हाई कोर्ट की जस्टिस बी वी नागरत्ना, तेलंगाना हाई कोर्ट की चीफ जस्टिस जस्टिस हिमा कोहली और गुजरात हाई कोर्ट की जस्टिस बेला त्रिवेदी के नाम की सिफारिश की है. जस्टिस नागरत्ना भारत की पहली महिला चीफ जस्टिस बन सकती हैं.
गौरतलब है कि जस्टिस रोहिंटन नरीमन के सुप्रीम कोर्ट से सेवानिवृत्त होने के कुछ ही दिनों बाद यह जानकारी सामने आयी है.जस्टिस नरीमन मार्च 2019 से कॉलेजियम के सदस्य थे. कहा जाता है कि उनके दृढ़ रुख के चलते नामों पर कोई आम सहमति नहीं बन पा रही थी. इससे पहले दो सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश कर्नाटक हाई कोर्ट चीफ जस्टिस अभय ओका और त्रिपुरा हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस अकील कुरैशी की सिफारिश की गई थी.
जस्टिस ओका वर्तमान में देश में हाई कोर्ट के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश हैं. जस्टिस ओका नागरिक स्वतंत्रता पर अपने फैसलों के लिए जाने जाते हैं. कोविड -19 महामारी के दौरान उन्होंने प्रवासी श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा करने वाले कई आदेश पारित किए. इनमें से कई मामलों में उन्होंने सरकार के महामारी से निपटने के तरीके पर भी सवाल उठाया था.
गुजरात हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस विक्रम नाथ ने भी अस्पताल के बिस्तरों की कमी और आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सहित मुद्दों को लेकर सरकार पर सवाल उठाए थे. उन्होंने कोविड काल के दौरान हाई कोर्ट की सुनवाई YouTube पर लाइव स्ट्रीमिंग के भी आदेश दिए थे.
वहीं आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रहे जस्टिस माहेश्वरी को पिछले साल दिसंबर में सिक्किम स्थानांतरित कर दिया गया था. इसके कुछ ही दिनों बाद मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने आरोप लगाया कि सर्वोच्च न्यायालय के एक वरिष्ठ न्यायाधीश सरकार गिराने के लिए हाई कोर्ट के कामकाज में हस्तक्षेप कर रहे थे.
इसके अलावा पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल और वरिष्ठ वकील पीएस नरसिम्हा की सीधे सुप्रीम कोर्ट जज बनाने के लिए सिफारिश की गई है. पीएस नरसिम्हा को भारत में क्रिकेट प्रशासन से संबंधित विवादों को सुलझाने के लिए बीसीसीआई मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एमिकस क्यूरी किया था. कॉलेजियम सिफारिशें अगर मान ली गईं हैं तो सुप्रीम कोर्ट में सभी मौजूदा खाली जगहें भर जाएंगी. आज (बुधवार) भी जस्टिस नवीन सिन्हा सुप्रीम कोर्ट से रिटायर होंगे.
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