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कल से होगी कम्बाइंड कमांडर्स कॉन्फ्रेंस, शनिवार को पीएम मोदी तीनों सेनाओं के टॉप कमांर्डस को करेंगे संबोधित
चीन से पिछले 9 महीनो से लगातार टकराव के बाद अब पहली बार देश की तीनों सेनाओं थलसेना, वायुसेना और नौसेना के टॉप कमांडर्स साझा रणनीति और तैयारियों पर चर्चा करेंगे.
चीन से नौ महीने तक चले टकराव और फिर डिसइंगेजमेंट के बाद पहली बार तीनों सेनाओं (थलसेना, वायुसेना और नौसेना) के टॉप कमांडर्स एक साथ देश की साझा रणनीति और तैयारियों पर चर्चा करेंगे.
मौका होगा तीन दिवसीय (4-6 मार्च) कम्बाइंड कमांर्डस कॉन्फ्रेंस (सीसीसी) यानि साझा कमांडर्स सम्मेलन का, जो इस साल गुजरात के केविडया में 4-6 मार्च के बीच होने जा रहा है. गुरूवार की दोपहर सम्मेलन का पहला दिन है.
इस साल साझा सैन्य सम्मेलन का मुख्य एजेंडा तीनों सेनाओं के एकीकरण और थियेटर कमांड बनाने से लेकर डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री एफेयर्स (डीएमए) की कार्यशैली का समीक्षा करना है. शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीनों सेनाओं के टॉप कमांर्डस को संबोधित करेंगे. शुक्रवार को रक्षा मंत्री संबोधित करेंगे. इस दौरान तीनों सेनाओं के प्रमुखों सहित सभी 17 कमान के कमांडर्स मौजूद रहेंगे. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, जनरल बिपिन रावत भी इस दौरान वहां मौजूद रहेंगे. पहली बार सीसीसी सम्मेलन में जवान और जेसीओ भी हिस्सा ले रहे हैं.
चीन से नौ महीने तक चले टकराव और फिर डिसइंगेजमेंट के बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीनों सेनाओं के टॉप कमांर्डस को संबोधित करने जा रहे हैं. मौका होगा कम्बाइंड कमांर्डस कॉन्फ्रेंस यानि साझा कमांडर्स सम्मेलन का, जो इस साल गुजरात के केविडया में 4-6 मार्च के बीच होने जा रहा है.
जानकारी के मुताबिक, पीएम मोदी सम्मलेन के आखिरी दिन यानि 6 मार्च को थलसेना, वायुसेना और नौसेना के कमांडर्स को संबोधित करेंगे. इस दौरान तीनों सेनाओं के प्रमुखों सहित सभी 17 कमान के कमांडर्स मौजूद रहेंगे. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, जनरल बिपिन रावत भी इस दौरान वहां मौजूद रहेंगे.
सालाना होने वाला कम्बाइंड कमांडर्स कॉन्फ्रेंस पिछले साल कोरोना महामारी के चलते रद्द कर दिया गया था. ये सम्मलेन ऐसे समय में होने जा रहा है जब पिछले नौ महीने से भारत का एलएसी पर चीन से टकराव चल रहा था. हालांकि, अभी डिसइंगेजमेंट की प्रक्रिया शुरू हो गई है लेकिन अभी भी एलएसी के कई ऐसे इलाके जहां दोनों देशों की सेनाओं में टकराव जारी है. इस सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी तीनों सेनाओं को सैन्य और सामरिक दिशा-दशा बताते हैं. सात ही तीनों सेनाओं की टॉप मिलिट्री लीडरशिप साझा रणनीति तैयार करती हैं.
वर्ष 2014 में पीएम मोदी ने जब पहली बार सीसीसी को संबोधित किया था तभी ही तीनों सेनाओं को सम्मलेन को दिल्ली से बाहर करने का सुझाव दिया था. यही वजह है कि इस साल ये सम्मलेन केवडिया में होने जा रहा है. अपने पहले सम्मलेन में ही पीएम मोदी ने तीनों सेनाओं को साइबर और स्पेस वॉरफेयर के लिए तैयार रहने का आदेश दिया था. इसी का परिणाम है कि देश को अपनी पहली साइबर और स्पेस डिफेंस एजेंसी मिल गई है.
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