नई दिल्ली: आपका अंग किसी की जिंदगी बचाकर मानवता की सेवा कर सकता है. सरकार ने अंगदान को महादान बताते हुए लोगों को अभियान से जुड़ने की अपील की है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि कोविड-19 से मृतकों के अंगदान कार्यक्रम पर नकारात्मक असर पड़ा है.


सरकार ने लोगों से अंगदान अभियान से जुड़ने की अपील की


शुक्रवार को राष्ट्रीय अंगदान दिवस के मौके पर हर्षवर्धन ने लोगों को अंगदान के लिए प्रोत्साहित किया. उन्होंने कहा कि अंगदान के पवित्र कार्य में कोई उम्र ,जाति, धर्म, समुदाय, मान्यता की बाधा नहीं होनी चाहिए. राष्ट्रीय स्वास्थ्य पोर्टल के मुताबिक, अंग उपलब्ध नहीं होने के कारण हर साल करीब पांच लाख लोग दम तोड़ देते हैं. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, ‘‘18 साल से कम उम्र के इच्छुक बच्चे भी माता-पिता या अभिभावकों की अंगदान सहमति से कर सकते हैं."


कोविड-19 महामारी ने अंगदान अभियान को किया प्रभावित


उन्होंने माना कि कोविड-19 महामारी ने भारत में मृतकों के अंगदान अभियान को प्रभावित किया है. उन्होंने स्वास्थ्य क्षेत्र और मानवता की खातिर मृतकों के अंगदान योगदान को पहचानने की अपील की. उन्होंने बताया कि तमिलनाडु में 295 अंग प्रतिरोपण किए गए. इनमें से फेफड़ा के 76 प्रतिरोपण मुख्य रूप से कोविड-19 मरीजों पर किए गए. उन्होंने बताया कि 2019 में 12,666 अंग प्रतिरोपण के साथ भारत विश्व में तीसरे स्थान पर रहा.


केंद्रीय मंत्री ने डब्ल्यूएचओ के अंगदान और प्रतिरोपण पर वैश्विक निगरानी (जीओडीटी) की वेबसाइट से मुहैया आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि इसके लिए राज्यों और स्वास्थ्य क्षेत्र के पेशेवरों को शानदार प्रदर्शन पर प्रोत्साहन मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि वेबिनार, सेमिनार और कार्यशाला के जरिए अभियान का मकसद अंगदान के बारे में डर को खत्म करना है.


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