कॉमेडियन मुन्नवर फारुकी को नहीं मिली राहत, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने भी खारिज की जमानत याचिका
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने गुरुवार को कॉमेडियन मुनव्वर फारुकी की जमानत याचिका खारिज कर दी है. कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि भाईचारे और सद्भावना का प्रचार करना हर नागरिक का संवैधानिक कर्तव्य है.
भोपालः धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में गिरफ्तार कॉमेडियन मुनव्वर फारुकी और सह अभियुक्त नलिन यादव की जमानत याचिका मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है. मुनव्वर फारुकी पर आरोप है कि उसने हिंदू देवी-देवताओं को लेकर कथित आपत्तिजनक चुटकिले सुनाए थे. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने सोमवार को सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. हाई कोर्ट के जस्टिस रोहित आर्य ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये फैसला सुनाते हुए कहा कि भाईचारे और सद्भावना का प्रचार करना हर नागरिक का संवैधानिक कर्तव्य है.
याद रहे कि दोनों को ही दो जनवरी को एक कॉमेडी शो में लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. इससे पहले दो स्थानीय अदालतें भी इनकी जमानत याचिकाएं खारिज कर चुकी है. मध्य प्रदेश की एक स्थानीय कोर्ट ने 5 जनवरी को जमानत याचिका खारिज किया था. जिसके बाद वह 14 जनवरी को जमानत के लिए मध्य प्रदेश हाईकोर्ट पहुंचे थे.
कॉमेडियन फारुकी पर आरोप है कि एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने धर्मिक भावनाओं का मजाक उड़ाया था. यह कार्यक्रम इंदौर के कैफे मोनरो में 1 जनवरी को रखा गया था.इस मामले में इंदौर पुलिस ने कॉमेडियन फारुकी और उसे चार साथियों को गिरफ्तार किया था. फारुकी के खिलाफ बीजेपी सांसद मालिनी गौर के बेटे एकलव्य गौर ने शिकायत दर्ज कराई थी. उन्होंने आरोप लगाया था कि फारुकी ने हिंदू धार्मिक भावनाओं का अपमान किया है.
केस पर सवाल फारुकी की ओर से कोर्ट में पैरवी वरिष्ठ वकील और राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा कर रहे थे. तन्खा ने हास्य कलाकार के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 295-ए के तहत प्राथमिकी दर्ज किए जाने को लेकर सवाल उठाए थे.
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