Varanasi Gyanvapi Masjid: उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के वीडियोग्राफी-सर्वे कार्य के लिए नियुक्त आयोग इससे जुड़ी रिपोर्ट पेश करने के लिए अदालत से दो-तीन दिन का अतिरिक्त समय मांगेगा. सहायक अधिवक्ता आयुक्त अजय प्रताप सिंह ने मंगलवार को यह जानकारी दी है. सिंह ने कहा, “अदालत के आदेश के अनुसार, 14 से 16 मई के बीच सुबह आठ बजे से दोपहर 12 बजे तक ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का वीडियोग्राफी-सर्वे कार्य किया गया. 17 मई को सर्वे से संबंधित रिपोर्ट अदालत में पेश की जानी थी.”
हालांकि, उन्होंने आगे कहा, “हम आज (मंगलवार) अदालत में रिपोर्ट नहीं जमा कर रहे हैं, क्योंकि यह तैयार नहीं है. हम अदालत से दो-तीन दिन का अतिरिक्त समय मांगेंगे. अदालत जो भी समय देगा, हम उसमें रिपोर्ट पेश करेंगे.” इससे पहले, हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों ने सोमवार को दावा किया था कि अदालत द्वारा अनिवार्य वीडियोग्राफी-सर्वे कार्य के दौरान मस्जिद परिसर में एक शिवलिंग पाया गया है.
एक स्थानीय अदालत ने सोमवार को हिंदू पक्ष की ओर से दायर अर्जी पर सुनवाई करते हुए ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के उस हिस्से को सील करने का आदेश दिया था, जहां कथित तौर पर शिवलिंग मिलने का दावा किया गया है. उधर, ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करने वाली कमेटी के एक सदस्य ने इस दावे का खंडन करते हुए कहा था, “मुगल काल की मस्जिदों में वजू खाने के अंदर फव्वारा लगाए जाने की परंपरा रही है. उसी का एक पत्थर आज सर्वे में मिला है, जिसे शिवलिंग बताया जा रहा है.”
शिवलिंग नहीं फव्वारा है
अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के संयुक्त सचिव सैयद मोहम्मद यासीन ने आरोप लगाया था कि सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर द्वारा आदेश जारी करने से पहले मस्जिद प्रबंधन का पक्ष नहीं सुना गया. दरअसल रईस अहमद अंसारी ने कहा है कि ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में शिवलिंग नहीं फव्वारा मिला है. हिंदू पक्ष जिस जगह शिवलिंग मिलने का दावा कर रहे हैं वहां पर फव्वारा मिला है जो खराब है. ये एक भ्रामक दावा है. उन्होंने कहा कि वो कोर्ट के इस आदेश से संतुष्ट नहीं है जिसमें कोर्ट ने वजूखाने को सील करने का आदेश दिया है. उनका कहना है कि कोर्ट ने जल्दबाजी में आदेश दे दिया है. इस आदेश के खिलाफ हम चुनौती देंगे.