कालेधन के खिलाफ लड़ाई में भारत को सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है स्विट्जरलैंड: राष्ट्रपति डोरिस लियुथार्ड
स्विट्लरलैंड की राष्ट्रपति डोरिस लियुथार्ड ने कहा, ‘‘इस मित्रता के लिए मैं भारत का शुक्रिया अदा करती हूं.’’
नई दिल्ली: स्विट्जरलैंड की राष्ट्रपति डोरिस लियुथार्ड ने कहा है कि उनका देश कालेधन के खिलाफ भारत की लड़ाई में सूचना के आदान प्रदान के जरिए सहयोग के लिए प्रतिबद्ध है. दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों के 70 साल पूरे होने के मौके पर समारोहों की शुरुआत करते हुए बीती रात स्विस दूतावास में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने ये बात कही.
भारत एक अच्छा मित्र है: राष्ट्रपति डोरिस लियुथार्ड
राष्ट्रपति डोरिस लियुथार्ड ने कहा, ‘‘भारत एक अच्छा मित्र है. इन सात दशकों में हमने एक दूसरे को सुना, सलाह दी और एक दूसरे से सीखा. यही वह आधार है, जिन पर आज संबंध कायम हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘और स्विट्लरलैंड संबंधित सूचना के आदान प्रदान से कालेधन के खिलाफ लड़ाई में भारत का सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध है. इस साल हम अपनी संसद में इसकी मंजूरी मिलने की प्रतीक्षा कर रहे हैं.’’ अपनी चार दिवसीय भारत यात्रा के दौरान स्विट्जरलैंड की राष्ट्रपति ने काले धन से मुकाबले और कई क्षेत्रों में सहयोग समेत विभिन्न मुद्दों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय बातचीत की.
70 साल पूरा होने के उपलक्ष्य में समारोह साल 2018 तक आयोजित होंगे. अपनी यात्रा के अंतिम चरण में दूतावास में उद्घाटन कार्यक्रम के तहत डोरिस ने दोनों देशों के कई 'मैत्री दूतों' को सम्मानित किया, जिनमें जाने माने अर्थशास्त्री एमएस स्वामीनाथन भी शामिल थे. उन्होंने दोनों देशों के कारोबारी संबंधों पर भी जोर देते हुए कहा कि 250 से अधिक स्विस कंपनियां भारत में संचालित हो रही हैं जबकि 140 भारतीय कंपनियां स्विट्जरलैंड में मौजूद हैं.
इस मित्रता के लिए मैं भारत का शुक्रिया अदा करती हूं: राष्ट्रपति डोरिस लियुथार्ड
स्विट्जरलैंड की राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘हमारा कारोबार बढ़ रहा है. रेलवे, पर्यटन, डिजाइन और फिल्म जैसे ऐसे कई क्षेत्र हैं जिन पर हम अधिक सहयोग और साथ काम कर सकते हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस मित्रता के लिए मैं भारत का शुक्रिया अदा करती हूं.’’ स्विट्जरलैंड में अवसरों, इसकी संस्कृति और दोनों देशों की 70 साल की यात्रा पर दो शॉर्ट फिल्में भी इस अवसर पर दिखायी गईं. दूतावास के विशाल उद्यान में आयोजित कार्यक्रम में कई देशों से राजदूत, कारोबार, कला और दूसरे अन्य क्षेत्रों से प्रतिनिधि शामिल हुए थे.