बुद्धिजीवियों-शिक्षाविदों की एक समिति ने बंगाल में चुनाव परिणाम के बाद हुई हिंसा की रिपोर्ट गृह राज्यमंत्री को सौंपी
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ पश्चिम बंगाल में जमकर हिंसा की गई. कई लोगों की हत्या की गई. क्रूड बम से हमले किये गये. इसमें महिलाओं को भी नहीं बख्शा गया. उनके साथ क्रूर तरीक़ों से रेप किया गया.
कोलकाता: पश्चिम बंगाल में चुनाव परिणाम के बाद जारी हिंसा पर आज एक रिपोर्ट गृह राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी को सौंपी गई. ये रिपोर्ट बुद्धिजीवियों और शिक्षाविदों के ग्रुप ने “2021 में बंगाल में खेला” नाम से सौंपी है. विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद राज्य में काफ़ी बड़े पैमाने पर हिंसा हुई जिसके बाद केन्द्र सरकार ने हिंसा के कारणों और तथ्यों की जानकारी के लिये ये ग्रुप बनाया गया था.
इससे पहले राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी थी. टीम की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ पश्चिम बंगाल में जमकर हिंसा की गई. कई लोगों की हत्या की गई. क्रूड बम से हमले किये गये. इसमें महिलाओं को भी नहीं बख्शा गया. उनके साथ क्रूर तरीक़ों से रेप किया गया.
पैनल की रिपोर्ट के मुताबिक, इस हिंसा में सबसे ज़्यादा गरीब अनुसूचित जाति और जनजाति के लोग प्रभावित हुए. इस ग्रुप ने महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए हर संभव उपाय करने की सिफ़ारिश की. केन्द्रीय एजेंसियों से लेकर सभी आयोगों और सर्वोच्च न्यायालय से हस्तक्षेप की मांग भी की है.
इस टीम में सुप्रीम कोर्ट की एडवोकेट मोनिका अरोड़ा, दिल्ली विश्वविद्यालय की सहायक प्रोफ़ेसर सोनाली चितालकर और डॉ श्रुति मिश्रा, उद्यमी मोनिका अग्रवाल, जीजीएस आईपीयू की प्रोफ़ेसर प्रो. विजिता सिंह शामिल थीं.