देश की राजधानी दिल्ली में ट्रैफिक समस्या दिनों दिन बढ़ती ही जा रही है. समस्या से निजात पाने के लिए संसद की स्थाई समिति ने सरकार से सख्त क़दम उठाने की सिफारिश की है. समिति के अध्यक्ष कांग्रेस सांसद आनंन्द शर्मा हैं. गृह मंत्रालय से जुड़ी संसद की स्थायी समिति ने ट्रैफिक समस्या के समाधान के लिए सड़क पर गाड़ियों की संख्या कम करने के लिए सख्त कदम उठाने की सिफारिश की है.
नई गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन में हो सख्ती
संसद में पेश की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि किसी व्यक्ति को नई गाड़ी ख़रीदने की इजाज़त तभी दी जाए जब वो अपनी पुरानी कार को बेच दे या उसे गला कर खत्म कर दे. इसके लिए सम्बंधित सरकारी एजेंसी से प्रमाण पत्र लेने का इंतज़ाम किया जा सकता है. समिति ने इस बारे में सिंगापुर का उदाहरण दिया है.
समिति ने ये भी सिफारिश की है कि नई गाड़ी के रजिस्ट्रेशन को पार्किंग की व्यवस्था से जोड़ा जाए. मतलब गाड़ी खरीदने के लिए पार्किंग की जगह का सर्टिफिकेट अनिवार्य बना दिया जाए.
बीमा प्रीमियम को नियमों में उल्लंघन से जोड़ा जाए
समिति ने कहा है कि ट्रैफिक नियमों में उल्लंघन को रोकने के लिए उसे गाड़ी के बीमा के प्रीमियम से जोड़ा जाए. मतलब ये कि जितनी बार कोई व्यक्ति नियमों का उल्लंघन करे गाड़ी की बीमा के लिए देय प्रीमियम को उसी अनुपात में बढ़ा दिया जाए.
समिति ने सड़कों पर वीआईपी लेन और साइकिल चालकों के लिए अलग लेन बनाने के साथ साथ एम्बुलेंस जैसे आपातकालीन सेवाओं के लिए भी अलग लेन बनाने की सिफारिश की है.
प्रति दिन 1700 नई गाड़ियां
रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में रोज़ाना करीब 1700 नई गाड़ियां सड़कों पर उतर रही हैं जिसके अगले तीन सालों में रोजाना 3000 - 4000 प्रति दिन हो जाने की संभावना है. पिछले साल की गणना के अनुसार दिल्ली में गाड़ियों की कुल संख्या 1.1 करोड़ से भी ज़्यादा है. इनमें दोपहिया और कारों की संख्या 94.1 फ़ीसदी है. दिल्ली में सड़कों की कुल संख्या करीब 33000 किलोमीटर है.
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