जम्मू कश्मीर में आतंकवादी संगठन के टारगेट पर आम लोग, 11 दिन में 6 लोगों पर चलाई गोलियां
घाटी में पिछले 2 अप्रैल से टारगेटेड किलिंग का सिलसिला शुरू हुआ, जब बिहार के दो प्रवासी मजदूरों को पुलवामा में गोली लग गई.
जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों ने बुधवार देर रात दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में राजपूत समुदाय के एक 55 साल के ड्राइवर की गोली मारकर हत्या कर दी. इस हत्या के साथ ही घाटी में पिछले 11 दिनों में प्रवासियों और कश्मीरी पंडितों को निशाना बनाने वाले हमलों की संख्या 6 गई है.
पुलिस ने मरनेवाले की पहचान कुलगाम के काकरान इलाके के रहने वाले सतीश कुमार सिंह के रूप में की है. अधिकारी ने बताया कि उनपर शाम के करीब साढ़े सात बजे हमला किया गया था. उन्होंने कहा कि सतीश के सर और सीने में गोलियां मारी गई थी. पुलिस को हमले में लश्कर-ए-तैयबा के एक नए रंगरूट के शामिल होने का संदेह है.
2 अप्रैल से शुरू हुआ टारगेटेड किलिंग का सिलसिला
दरअसल घाटी में पिछले 2 अप्रैल से टारगेटेड किलिंग का सिलसिला शुरू हुआ, जब बिहार के दो प्रवासी मजदूरों को पुलवामा में गोली लग गई. इस घटना के अगले दिन ही उसी जिले में आतंकवादियों द्वारा दो अन्य गैर-कश्मीरी घायल हो गए, जो श्रीनगर में के दो कर्मियों को निशाना बनाकर किए गए हमले के साथ मेल खाता था. उसी दिन शोपियां में एक कश्मीरी पंडित फार्मेसी के मालिक को गोली मारकर घायल कर दिया गया था. 7 अप्रैल को पंजाब के एक अन्य प्रवासी मजदूर सोनू शर्मा पुलवामा के यदुर गांव में हुए आतंकी हमले में घायल हो गए थे.
5 सालों में कशमीर में आतंकी हमले में आतंकी हमले में इजाफा
वहीं सरकार ने संसद में बताया कि बीते 5 सालों में कशमीर में आतंकी हमले में मारे गए अल्पसंखयकों की संख्या में में इजाफा हुआ है. साल 2017 में आंतकी हमले में 11 अल्पसंख्यकों की मौत हुई थी. 2018 में 3 लोगों को मारा गया था. वहीं साल 2019, 20 और 21 में क्रमश 6,3 और 11 लोगों को मौत हुई है.
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