Sri Lanka Crisis: राष्ट्रमंडल महासचिव पेट्रीसिया स्कॉटलैंड (Commonwealth Secretary Patricia Scotland) ने कहा कि श्रीलंका को उसके अभूतपूर्व आर्थिक संकट से निपटने में मदद करने के लिए भारत की उदारतापूर्ण और बहुआयामी सहायता ‘सराहनीय’ है. पेट्रीसिया ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए एक इंटरव्यू में वैश्विक खाद्य संकट से निपटने में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में भी बात की. उन्होंने कहा कि राष्ट्रमंडल खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अधिक समग्र दृष्टिकोण लाने की दिशा में काम कर रहा है.


सेक्रेटरी पेट्रीसिया ने कोविड-19 महामारी से निपटने में बड़ी संख्या में देशों की सहायता करने के लिए भारत की सराहना की और इसे 'अंतरराष्ट्रीय सेवा और नेतृत्व का उल्लेखनीय कार्य’’ बताया.  बता दें कि पेट्रीसिया स्कॉटलैंड पिछले सप्ताह चार दिन की यात्रा पर भारत में थीं और उन्होंने जलवायु परिवर्तन, महामारी के बाद आर्थिक सुधार और व्यापार को बढ़ावा देने के तरीकों जैसे कई क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर भारतीय वार्ताकारों के साथ बातचीत की.


राष्ट्रमंडल महासचिव पेट्रीसिया स्कॉटलैंड ने क्या कहा? 


पेट्रीसिया ने कहा, 'श्रीलंका को उसके अभूतपूर्व आर्थिक संकट से निपटने में मदद करने के लिए भारत की उदारतापूर्वक सहायता ‘सराहनीय’ है. यह राष्ट्रमंडल की भावना और मूल्य (वैल्यू), दोनों का उदाहरण है.’ उन्होंने कहा, 'हम राष्ट्रों का एक परिवार हैं, और परिवार जरूरत के समय में एक दूसरे की मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल में लोकतांत्रिक तरीकों, संस्थानों और संवैधानिक ढांचे के माध्यम से स्थिरता और आर्थिक सुधार के लिए श्रीलंका के लोगों की मदद करने का भारत की ओर से समर्थन व्यक्त किया था.’’


भारत ने श्रीलंका की कितनी आर्थिक मदद की? 


भारत ने इस साल श्रीलंका को आर्थिक संकट से निपटने में मदद के लिए 3.8 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक की सहायता प्रदान की है. पेट्रीसिया ने कहा, 'श्रीलंका जिन अभूतपूर्व चुनौतियों का सामना कर रहा है, उनसे निपटने के लिए उसे अपने नेताओं के समर्पण भाव और दृढ़ता के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय समुदाय के समर्थन की आवश्यकता है.’’ वैश्विक खाद्य संकट पर, उन्होंने कहा कि संघर्ष, जलवायु परिवर्तन और कोविड-19 के आर्थिक प्रभावों जैसे कई कारकों की वजह से दुनिया इसका सामना कर रही है.


कॉमनवेल्थ सेक्रेटरी पेट्रीसिया स्कॉटलैंड  ने कहा कि कई राष्ट्रमंडल देश खुद को इस संकट के करीब पा रहे हैं. उन्होंने कहा, 'मैंने तीव्र संकट को दूर करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आह्वान किया है, जिसमें भारत एक प्रमुख देश है, जो सबसे ज्यादा मदद चाहने वाले देशों और समुदायों को तत्काल व्यावहारिक और वित्तीय सहायता प्रदान करता है.’’ साथ ही कहा कि जून में राष्ट्रमंडल शासनाध्यक्षों की बैठक (चोगम) में नेताओं ने एक घोषणा पत्र (चार्टर) की पुष्टि करके खाद्य सुरक्षा के लिए एक नया और अधिक समग्र दृष्टिकोण लाने के समूह के प्रयासों का समर्थन किया था. वैश्विक चुनौतियों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारत जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने में 'महत्वपूर्ण भूमिका निभा’’ रहा है.


भारत का महत्व? 



  • महासचिव पेट्रीसिया ने कहा कि भारत सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और जलवायु परिवर्तन से निपटने के वास्ते भारत जो कदम उठाता है, वे वास्तव में दुनिया के लिए मायने रखते है.

  • कोविड-19 महामारी की शुरुआत होने के बाद से भारत ने 98 देशों को टीके और 150 देशों को दवाओं की आपूर्ति की है और यह अंतरराष्ट्रीय सेवा और नेतृत्व का एक उल्लेखनीय कार्य है.

  • पेट्रीसिया ने राष्ट्रमंडल देशों के साथ भारत का व्यापार बढ़ाने के बारे में विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ नई दिल्ली में चर्चा की.  इस दौरान कहा,'अन्य राष्ट्रमंडल सदस्यों के साथ भारत के व्यापारिक संबंध तेजी से बढ़ रहे है.’

  • साल 2070 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन प्राप्त करने की प्रतिबद्धता जताने के लिए भी भारत की सराहना की.

  • बर्मिंघम में राष्ट्रमंडल खेलों की सफल मेजबानी किये जाने पर पेट्रीसिया ने कहा कि इससे पता चलता है कि राष्ट्रमंडल परिवार जीवंत और एकजुट है.


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