Maharashtra Violence: एनसीपी चीफ शरद पवार ने महाराष्ट्र के अमरावती और मालेगांव में प्रदर्शन के दौरान हिंसा को लेकर बड़ा बयान दिया है. शरद पवार ने कहा है कि कुछ सांप्रदायिक ताकतें त्रिपुरा हिंसा का फायदा उठाना चाहती हैं. हमें इससे सतर्क रहने की जरूरत है. बीते शुक्रवार को अमरावती, मालेगांव और महाराष्ट्र के कुछ अन्य शहरों में मुस्लिम संगठनों के प्रदर्शन के दौरान पथराव किया गया था. इन संगठनों ने त्रिपुरा की कथित सांप्रदायिक हिंसा के विरूद्ध प्रदर्शन किया था.


शरद पवार से आज जब महाराष्ट्र हिंसा को लेकर प्रतिक्रिया पूछी गई तो उन्होंने कहा, ''मुझे नहीं लगता कि अगर त्रिपुरा में कुछ हुआ तो महाराष्ट्र या अन्य राज्यों में कुछ होने की जरूरत थी. कुछ ताकतें स्थिति का फायदा उठाने की कोशिश कर रही हैं. मुझे लगता है कि वे सांप्रदायिक ताकतें हैं. इसलिए सतर्क रहने की जरूरत है.''


हिंसा समाज का ध्रुवीकरण करने की कोशिश- BJP


वहीं, बीजेपी ने आरोप लगाया कि पिछले सप्ताह महाराष्ट्र के अमरावती और मालेगांव में प्रदर्शन के दौरान जो हिंसा फैली, उसकी योजना पहले ही बन गयी थी और राज्य सरकार ने अतिरिक्त पुलिस बल उपलब्ध होने के बाद भी उसका इस्तेमाल नहीं किया.  पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने कहा कि हिंसा का मकसद समाज का ध्रुवीकरण करना था. उन्होंने कहा, ''अमरावती और मालेगांव जैसे शहरों में नजर आयी हिंसा समाज को सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की ओर धकेलने की योजनाबद्ध रणनीति का हिस्सा थी. यह लोगों की जवाबी कार्रवाई को परखने का प्रयोग था. हमें आने वाले दिनों में इसको लेकर सावधान रहना होगा.''


विधानसभा में विपक्ष के नेता फड़णवीस ने सवाल किया , ''जिस दिन हिंसा भड़की, उस दिन अमरावती में राज्य रिजर्व पुलिस बल की सात कंपनियां थीं, लेकिन उनका इस्तेमाल नहीं किया गया. राज्य सरकार ने इन कंपनियों के लिए आदेश क्यों नहीं जारी किया?'' उन्होंने यह भी कहा कि त्रिपुरा में हिंसक घटनाओं, जिनके विरूद्ध विरोध मार्च निकाले गये, को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया और अफवाहें फैलायी गईं.


लातूर में चार लोगों के खिलाफ तीन मामले दर्ज


महाराष्ट्र के लातूर में पिछले दो दिनों में चार लोगों के खिलाफ शांति और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के उद्देश्य से सोशल मीडिया पर भड़काऊ संदेश और वीडियो अपलोड करने के आरोप में तीन मामले दर्ज किए गए हैं. एक अधिकारी ने बताया कि ये पोस्ट त्रिपुरा में 26 अक्टूबर की हिंसा और 12-13 नवंबर को महाराष्ट्र के कुछ शहरों में हुए विरोध प्रदर्शनों से संबंधित हैं. उनमें से कुछ प्रदर्शनों में पथराव की घटनाएं हुई थीं. स्थानीय अपराध शाखा के निरीक्षक गजानन भटलावंडे ने कहा, ''सोशल मीडिया पर भड़काऊ संदेश पोस्ट करने के आरोप में रविवार और सोमवार को चार लोगों के खिलाफ तीन मामले दर्ज किए गए.'' उन्होंने बताया कि तीन मामले गांधी चौक, स्वामी विवेकानंद और उदगीर सिटी थाने में दर्ज किये गए.


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