Haryana Minister Sandeep Singh Case: हरियाणा सरकार में प्रिंटिंग और स्टेशनरी राज्य मंत्री संदीप सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न जैसे गंभीर आरोप लगाने वाली एक जूनियर एथलेटिक कोच ने एबीपी न्यूज के साथ बात की है. संदीप सिंह के खिलाफ चंडीगढ़ पुलिस ने जुडिशल मजिस्ट्रेट की अदालत में शुक्रवार (25 अगस्त) को आरोप पत्र (चार्जशीट) दाखिल किया था. मामला दर्ज होने के करीब आठ महीने बाद आरोप पत्र दायर किया गया. 


संदीप सिंह पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 354, 354ए, 354बी, 342 और 506 के तहत आरोप दर्ज किए गए हैं. पुलिस ने मंत्री के खिलाफ रेप अटेंप्ट की धारा 376 को शामिल नहीं किया है. संदीप सिंह के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल होने के बाद कांग्रेस ने हरियाणा विधानसभा में सोमवार (28 अगस्त) को मंत्री के इस्तीफे की मांग की, जिसे मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि ‘‘मैंने निश्चय कर लिया है इस्तीफा नहीं मांगा जाएगा, बिल्कुल नहीं मांगा जाएगा. कोई इस्तीफा नहीं मांगा जाएगा.'' इस पर सदन में काफी हंगामा हुआ.


पुलिस ने महिला कोच की फटी टीशर्ट के संबंध में फॉरेंसिक रिपोर्ट भी पेश की है. महिला कोच ने 164 के तहत अपना बयान भी अदालत में दर्ज कराया है. संदीप सिंह चुप हैं. मामला राज्य की राजनीति में गरमाया हुआ है. मामले में शिकायतकर्ता महिला कोच ने एबीपी न्यूज के साथ क्या बातचीत की है, आइये जानते हैं.


'कहीं न कहीं मुझे राहत मिली है'


महिला कोच से जब पूछा गया कि क्या आपको लगता है कि इंसाफ मिलने का समय आ गया है, जो पिछले एक साल से आप लड़ रही थीं, इस पर शिकायतकर्ता ने कहा, ''चंडीगढ़ पुलिस ने जो भी फैक्ट दिए हैं, अटेंप्ट टू रेप के जो एक्ट लगने चाहिए थे वो एड नहीं कर पाए, लेकिन कुलमिलाकर आठ महीने का ये सफर जितना भी दर्द भरा था, कहीं न कहीं मुझे राहत मिली है कि अब माननीय अदालत में ये मैटर है.'' 


अटेंप्ट टू रेप की धारा को लेकर क्या आप कोर्ट में चैलेंज करेंगी? यह पूछे जाने पर शिकायतकर्ता ने कहा, ''जी, बिल्कुल चैलेंज करूंगी क्योंकि जहां तक मेरा मानना है, चंडीगढ़ पुलिस प्रशासन ने काफी प्रेशर में, सेंट्रल गवर्नमेंट या जो भी बीजेपी सरकार है, उनके प्रेशर में चार्जशीट दी है और जो एक्ट लगने चाहिए थे वो उनकी इन्वेस्टिगेशन में नहीं लगे.'' 


'मंत्री का इस्तीफा काफी जरूरी था'


क्या चंडीगढ़ पुलिस की ओर से चार्जशीट दाखिल करने के बाद मंत्री को अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए? यह पूछे जाने पर महिला कोच ने कहा, ''जबसे मैंने यह एफआईआर कराई है. मैं तो उसी टाइम से चाहती थी कि एक निष्पक्ष जांच होनी चाहिए, उसके लिए मंत्री का इस्तीफा काफी जरूरी था.''


हरियाणा के सीएम पर बरसीं शिकायतकर्ता 


जब उनसे पूछा गया कि सदन में मुख्यमंत्री ने चार्जशीट दाखिल होने के बाद भी संदीप सिंह का इस्तीफा नहीं लेने की बात कही है तो उन्होंने (शिकायतकर्ता) कहा, ''वो साफ तौर पर ये दिखाते हैं कि हरियाणा के मुख्यमंत्री हैं, उनकी औरतों के लिए बहुत घिनौनी और एक गंदी मानसिकता दर्शाते हैं. कानून के अगेंस्ट जाकर हर एक प्रोटोकॉल का और अपनी पावर का मिसयूज करते हुए उन्हें (संदीप सिंह) बचाने के लिए, ...मुझे अनर्गल बयान देने वाली लड़की बोल रहे हैं, उन्हें अभी शर्म आनी चाहिए थी. मुख्यमंत्री जो भी कर लें, चाहे अपनी पावर का जितना मिसयूज कर लें, उनकी हमारे देश की अदालत के सामने कोई औकात नहीं है. उन्हें बहुत जल्दी जवाब मिलेगा मेरे देश की माननीय अदालत से.''


क्या आपने कभी संदीप सिंह के कंडक्ट को लेकर या जो बर्ताव आपके साथ हुआ है या जो आरोप थे, इसे लेकर आपने हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर से मिलकर उनको यह बताने की कोशिश की या आप मिलीं? यह पूछे जाने पर शिकायकर्ता ने कहा, ''मैंने काफी कोशिश की लेकिन उन्होंने पहले दिन से एक बेटी की बात कभी नहीं सुनी, पहले दिन से जब तक चार्जशीट नहीं आई थी मंत्री के खिलाफ, तब भी वो संदीप सिंह को बचाने के लिए हर जिद पर बैठे हुए थे.''


'मुझे हर हिसाब से काफी प्रेशराइज किया'


संदीप सिंह को लेकर शिकायतकर्ता ने कहा, ''इन्होंने (संदीप सिंह) मुझे हर हिसाब से काफी प्रेशराइज किया, फिजिकली, मेंटली, इमोशनली, हर हिसाब से ये मेरे साथ कमिटेड होना चाहते थे. जब मैंने हर एक चीज का विरोध किया तो उनकी हद इस हद तक बढ़ चुकी थी कि उन्होंने मेरा जीना हराम करना शुरू कर दिया और बार-बार मुझे अपने घर पर बुलाकर, बार-बार मेरे साथ बदसलूकी करने की कोशिश की. ...कहीं न कहीं इसका ये मानना था कि हर कोई लड़की इसको न नहीं बोल सकती.''


'किसी ने मेरी कोई मदद नहीं की'


जब आपको तंग किया जाने लगा तो आपने इसकी शिकायत क्यों नहीं की? आप सीनियर अधिकारियों से शिकायत कर सकती थीं, आप महिला आयोग जा सकती थीं. यह पूछे जाने पर शिकायतकर्ता ने कहा, ''मैं जितना एक लेवल पर कर सकती थी, मैंने हर जगह कोशिश की कि संदीप सिंह को रोक लिया जाए, वो मुझे परेशान करता है, लेकिन किसी ने मेरी कोई बात नहीं सुनी. चाहे वो सीएम साहब थे, हरियाणा के डीजीपी थे, डिप्टी सीएम थे, अनिल विज थे, मैंने हर जगह शिकायत की, चाहे मेरे खेल अधिकारी थे. मैंने हर जगह एक संभव कोशिश की, जिसमें मैं नाकामयाब रही क्योंकि किसी ने मेरी कोई मदद नहीं की.''


शिकायतकर्ता ने बताया कि महिला कोच के तौर पर उनकी नौकरी लगने में संदीप सिंह का कोई योगदान नहीं था. जब पूछा गया कि संदीप सिंह के टच में कैसे आईं और पहली बार मुलाकात कैसे हुई तो उन्होंने कहा कि संदीप सिंह से उनकी मुलाकात इंस्टाग्राम के जरिये हुई थी. 


'पूरी दुनिया जानती है कि वो कितने रंगीन मिजाज के हैं'


महिला कोच ने कहा, ''पूरी दुनिया जानती है कि वो (संदीप सिंह) कितने रंगीन मिजाज के हैं, लेकिन तब जिस टाइम मेरा इनसे कॉन्टैक्ट हुआ था, मुझे नहीं आइडिया था कि इनकी क्या मानसिकता है और ये किस टाइप के इंसान हैं. इन्होंने एज ए प्लेयर  मुझसे बात शुरू की थी और काफी अच्छी बातें करते थे कॉन्फिडेंस में लेने के लिए... जो नॉर्मल कॉन्वर्सेशन होती है, उससे ये पर्सनल लेवल पर शिफ्ट हो चुके थे, जिसका मैंने हमेशा विरोध किया.'' 


'हर टाइम मुझ पर प्रेशर होता है'


इसी के साथ शिकायकर्ता ने बताया कि मामले को लेकर उनके ऊपर हर तरह का प्रेशर बनाया गया. उन्होंने कहा, ''हर टाइम मुझ पर प्रेशर होता है, जिसमें मुझे पैसे से लेकर विदेश शिफ्ट होने से लेकर और काफी चीजों के लिए कि मुझे घर दिला देंगे, गाड़ी दिला देंगे, मुझे काफी चीजें... मारने की धमकी से लेकर हर उस चीजे को लेकर मेरे ऊपर आज तक प्रेशर कंटीन्यू बनाया जा रहा है. मुझे बोला गया था कि आप एक करोड़ रुपये लेकर तुरंत विदेश चली जाइए और आप एक महीने के लिए घूम-फिरकर आइये, तब तक आप उसमें अपना माइंड बना लीजिए और फिर आप जिस हिसाब से, जितना भी आप पैसा मांगेंगी, आपको उतना पैसा दे दिया जाएगा और आपको कंप्लेंट वापस नहीं लेनी, आप चुपचाप इसको बस अवॉइड कर देना. 


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