जयपुर: राजस्थान की राजधानी जयपुर में दवा परीक्षण यानी क्लीनिकल ट्रायल के नाम पर  मालपाणी अस्पताल पर गांव के कुछ लोगों की जान से खिलवाड़ का आरोप लगा है. आरोप है कि अस्पताल ने भरतपुर और चुरू के गांवों से दर्जनों लोगों को काम दिलाने का झांसा देकर बुलाया था. लोगों को बिना जानकारी दिए ही गठिया रोग से जुड़ी दवाईयां दे दी, जिसके बाद 16 लोगों की तबीयत बिगड़ गई.


ग्रामीणों का आरोप है कि अस्पताल में भरतपुर और चूरू से मेडिकल कैंप में काम दिलवाने के बहाने लोगों को बुलाया गया. सभी को अस्पताल में ठहराया गया, जहां उनके लिए खाने-पीने की व्यवस्था की गई.


चुरू से 18 अप्रैल को लाए गए इन लोगों को 19 अप्रैल को जीआरसी 27864 कोड की दवा दी गई. ये दवा गठिया दर्द से पीड़ित लोगों के लिए काम में ली जाती है. लेकिन इसे लेते ही अस्पताल लाए गए 16 युवकों की तबीयत बिगड़ गई. किसी को नशा होने लगा तो किसी के हाथ पैरों में दर्द की शिकायत सामने आई.



अस्पताल दावा कर रहा है कि जिन लोगों को यहां लाया गया है, उन्हें पूरी जानकारी दी गई थी. मामला बढ़ता देख राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं.


बता दें कि क्लीनिक ट्रायल कोई नई व्यवस्था नहीं है, लेकिन इसके लिए केन्द्र स्तर की पूरी गाइडलाईन्स बनी हुई हैं. डॉक्टरों की माने तो इसके लिए पहले लोगों को पूरी जानकारी दी जाती है. जिन लोगों पर दवा ट्रॉयल की जानी है, उन्हें उनकी भाषा में ही समझाया जाता है. इस काउंसलिंग की पूरी वीडियाग्राफी भी होती है.