नई दिल्ली: नेपाली ज़मीन पर अतिक्रमण कर चीन के मनमाने भवन निर्माण का सनसनीख़ेज़ मामला सामने आया है. नेपाली मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, मामला हुमला के नमखा नगर पालिका के वार्ड नंबर 6 के हिमालिपरी में लिम्चा क्षेत्र का है, जहां नेपाली ज़मीन पर चीन ने एक इमारत तान दी है.


नेपाली मीडिया ने नमखा नगर पालिका अध्यक्ष बिष्णु बहादुर लामा के हवाले से दी रिपोर्ट्स में कहा है कि सीमावर्ती इलाके में करीब 9 वाणिज्यिक इमारतों का चीन की ओर से एकतरफा निर्माण कार्य जोरों से चल रहा है. यह निर्माण कार्य उस क्षेत्र में बताया जा रहा है जहां नेपाल-चीन सीमा पर पिलर संख्या 11 और 12 की जगह है.


हालांकि यह कोई पहला मामला नहीं है, जब चीन के नेपाली ज़मीन हड़पने को लेकर शिकायतें सामने आई हों. करीब तीन माह पहले कुछ सांसदों ने नेपाली ज़मीन पर चीन के कब्ज़े की शिकायत दर्ज कराते हुए नेपाल की संसद में बाकायदा प्रस्ताव पेश किया था. चीन से लगी सीमा पर कई बॉर्डर पिलर गायब होने और 64 हेक्टेयर नेपाली जमीन के चीनी कब्जे में जाने की शिकायत को हालांकि सरकार की तरफ से खारिज किया गया था.


नेपाल के नए और विवादित नक्शे के मुताबिक चीन के साथ उसकी सीमा करीब 1414.88 किमी लंबी है. इस सरहद पर चीन की जमीन चोरी को लेकर शिकायतें गाहे-बगाहे उठती रही हैं. इसमें गोरखा इलाके में पिलर संख्या 35, 37 और 38 के गायब होने और नम्पा, सोलुखुम्बू, भंजयांग का पिलर नंबर 62 के गायब होने को लेकर सवाल उठाए गए थे.


इसके अलावा उत्तरी गोरखा के रुई गांव के 72 नेपाली घरों के अब चीनी इलाके में पहुंच जाने को लेकर भी सुर उठते रहे हैं. ऐसी ही शिकायतें धारचुला इलाके के जियुजियु क्षेत्र स्थित 18 घरों के चीन का हिस्सा बना लिए जाने का भी मामला सामने आया था.


इतना ही नहीं बीते दिनों नेपाली मीडिया में कृषि मंत्रालय की कथित रिपोर्ट का हवाला देते हुए भी खबरें आई थीं, जिनमें 30 हैक्टेयर से अधिक नेपाली जमीन के चीन द्वारा हड़प किए जाने का उल्लेख किया गया था. हालांकि विवाद बढ़ने पर नेपाली विदेश मंत्रालय ने कृषि मंत्रालय की तरफ से ऐसे किसी भूमि सर्वे से ही इनकार किया था.