Maharashtra News: महाराष्ट्र में बिजली आपूर्ति करने वाली सरकारी कंपनियों की आर्थिक हालत बहुत खराब है और हालात ऐसे ही रहे तो जल्द ही महाराष्ट्र में बत्ती गुल हो सकती है. दरअसल महाराष्ट्र में बिजली का बकाया 74 हज़ार करोड़ का आंकड़ा पार कर चुका है. बिजली आपूर्ति करने वाली सरकारी कंपनियों की आर्थिक हालत ठीक नहीं है. इस स्थिति के लिए महाराष्ट्र की मौजूदा सरकार पिछली बीजेपी सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही है. वहीं बीजेपी सरकार में ऊर्जा मंत्री रहे चंद्रशेखर बवनकुले मौजूदा सरकार की विफल आर्थिक नीतियों को इस गड़बड़ी का कारण बता रहे हैं.
अगस्त 2021 की बात करें तो बिजली का बकाया 74 हजार करोड़ का आंकड़ा पार कर चुका है. हालात ऐसे ही रहे और बिलों की वसूली नहीं हुई तो सरकारी कंपनियां जो बिजली की वितरण करती हैं उनकी हालत और पतली हो जाएगी. आज ही हालात ऐसे हैं कि उनको चलाने के लिए कोयले की कमी पड़ गई है. कंपनी अपना पक्ष सरकार के सामने रख चुकी हैं.
वहीं महाराष्ट्र सरकार इस पूरी गड़बड़ी के लिए पिछली बीजेपी सरकार को ही जिम्मेदार ठहरा रही है. महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री नितिन राउत का कहना है कि पिछली सरकार ने बिलों की वसूली नहीं की जिससे आज महाराष्ट्र के सामने यह संकट खड़ा हो गया है. नितिन यह भी बता रहे हैं कि कोयला काफी कम आ रहा है. 30 से 35 फीसदी कोयला ही महाराष्ट्र को मिलना है. कोयला खरीदने में काफी पैसा लगता है लेकिन ग्राहक बिल नहीं भर रहे हैं जिसके चलते कोयला खरीदने के लिए पैसा नहीं है.
वहीं इन आरोपों पर बीजेपी सरकार में ऊर्जा मंत्री रहे चंद्रशेखर बवनकुले का कहना है कि जब उनकी सरकार थी तब बिजली कंपनियों मुनाफे में थी, उन्होंने इनकम टैक्स भी भरा था. सूखे के चलते किसानों पर आफत ना आए इसलिए किसानों से बिजली का बिल बकाया वापस लेने के लिए दबाव नहीं बनाया था. यह महाविकास आघाडी सरकार की पॉलिसी फेल है. गड़बड़ी सरकार के मिसमैनेजमेंट से हुई. बिजली की कंपनियों का आपस में कोई संवाद नहीं है. बीजेपी ने चेतावनी भी दी कि हालात ऐसे ही रहे तो यह सरकार महाराष्ट्र को अंधेरे में ले जाएगी.