नई दिल्ली: मानसून के राजस्थान, पंजाब के कुछ हिस्सों, हरियाणा और दिल्ली की तरफ बढ़ने के लिए स्थितियां अनुकूल नहीं हैं. यह जानकारी गुरुवार को भारत मौसम विज्ञान विभाग ने दी.


इसने कहा कि बहरहाल गुजरात और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्से में आगामी दो-तीन दिनों में इसकी धीमी प्रगति होगी. मानसून की उत्तरी सीमा दीव, सूरत, नंदुरबार, भोपाल, नौगोंग, हमीरपुर, बाराबंकी, बरेली, सहारनपुर, अंबाला और अमृतसर से गुजर रही है.


पश्चिमी हवाओं का असर मानसून पर 23 जून तक बना रह सकता है- आईएमडी


आईएमडी के पूर्वानुमान में बताया गया, ‘‘पश्चिमी हवाओं का असर मानसून पर 23 जून तक बना रह सकता है और इसलिए राजस्थान, पंजाब के शेष हिस्से, हरियाणा और दिल्ली में इस दौरान मानसून नहीं पहुंच सकता है.’’


इसने कहा कि मानसून का पैटर्न 26 जून और 30 जून के बीच धीरे-धीरे मजबूत होगा और इस दौरान वह उत्तर पश्चिम भारत के अधिकतर हिस्सों में पहुंचेगा. मौसम विभाग ने पहले पूर्वानुमान जताया था कि मानसून 12 दिन पहले ही 15 जून तक दिल्ली पहुंच जाएगा.


मानसून सामान्य तौर पर 27 जून तक दिल्ली पहुंचता है और आठ जुलाई तक पूरे देश को कवर कर लेता है. निजी पूर्वानुमान एजेंसी स्काइमेट वेदर के मुताबिक, पिछले वर्ष मानसून 25 जून को दिल्ली पहुंचा था और 29 जून तक इसने पूरे देश को कवर कर लिया था.


दिल्ली को 27 जून के आसपास मानसून की बारिश मिलने की संभावना


स्काइमेट वेदर के महेश पालावत ने कहा कि पश्चिमी हवाएं पिछले तीन-चार दिनों से मानसून को उत्तर पश्चिम भारत की तरफ बढ़ने से रोक रही हैं. उन्होंने कहा, ‘‘ये हवाएं अगले हफ्ते भी चलती रहेंगी. इसलिए लगता है कि दिल्ली को 27 जून के आसपास ही मानसून की बारिश मिलेगी.’’


आईएमडी ने कहा कि उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पूर्वी मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार और झारखंड में बृहस्पतिवार और शुक्रवार को तेज हवाओं के साथ ‘‘मध्यम से भारी’’ स्तर की बारिश हो सकती है और कई स्थानों पर आकाशीय बिजली गिर सकती है.


इसने कहा, ‘‘इससे लोग एवं जानवर जख्मी हो सकते हैं और उनकी जान भी जा सकती है.’’ मौमस विभाग ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव में उत्तराखंड में अगले दो दिनों में कई स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है.


ओडिशा में अगले दो-तीन दिनों में भारी बारिश का अनुमान- मौसम विभाग


मौसम विभाग ने कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल के गंगा के इलाकों और आसपास के क्षेत्रों में चक्रवाती सर्कुलेशन बना हुआ है. इस प्रभाव में बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, सिक्किम और ओडिशा में अगले दो-तीन दिनों में भारी से बहुत भारी बारिश का अनुमान है.’’


15 मिलीमीटर से कम वर्षा को हल्की, 15 मिमी से 64.5 मिमी वर्षा को मध्यम, 64.5 से 115.5 मिमी वर्षा को भारी, 115.6 और 204.4 मिमी के बीच बहुत भारी वर्षा माना जाता है. 204.4 मिमी से अधिक वर्षा को अत्यधिक भारी वर्षा की श्रेणी में माना जाता है.


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