नई दिल्ली: लंबी बीमारी के बाद पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का आज निधन हो गया. 93 वर्षीय वाजपेयी को गुर्दा (किडनी) नली में संक्रमण, छाती में जकड़न, मूत्रनली में संक्रमण के बाद 11 जून को एम्स में भर्ती कराया गया था. तबियत नाजुक होने के बाद उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था. आज शाम उन्होंने अंतिम सांस ली. उनके निधन पर कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी ने दुख जताया है. सोनिया गांधी ने कहा कि वाजपेयी जीवन भर लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए खड़े रहे और यह प्रतिबद्धता उनके हर काम में परिलक्षित होती थी.
यूपीए की प्रमुख सोनिया ने बयान जारी कर कहा, ' अटल बिहारी वाजपेयी जी निधन से बहुत दुखी हूं. वह हमारे राष्ट्रीय जीवन में एक विशाल व्यक्तित्व थे. वह पूरा जीवन लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए खड़े रहे और एक सांसद, कैबिनेट मंत्री और प्रधानमंत्री के तौर पर उनके हर काम में लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता परिलक्षित हुई.'
आज अटल बिहारी वाजपेयी का पार्थिव शरीर आज उनके आवास पर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है. सोनिया गांधी ने वहां पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि भी अर्पित की.
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उन्होंने कहा, 'वह एक शानदार वक्ता, बड़े दृष्टिकोण वाले नेता और ऐसे देशभक्त थे जिनके लिए राष्ट्रहित सर्वोच्च था. परन्तु इन सबसे ऊपर वह एक बड़े हृदय वाले और उदार व्यक्ति थे.
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यूपीए प्रमुख ने कहा, "चाहे उनका दूसरे राजनीतिक दलों व नेताओं के साथ संवाद रहा हो, विदेशी सरकारों के साथ संवाद रहा हो , सहयोगी दलों या फिर अपनी पार्टी के सहयोगियों के साथ संवाद रहा हो, उनकी यह भावना सबको दिखी.' सोनिया ने कहा कि वाजपेयी के निधन से देश की राजनीति में बड़ा निर्वात पैदा हुआ है.