Farmers Protest: कन्फ़ेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स का दावा, किसान आंदोलन के चलते अब तक 14,000 करोड़ का नुकसान
कंफेडरशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के मुताबिक किसान आंदोलन से अब तक करीब 14,000 करोड़ रुपए के व्यापार का नुकसान हो चुका है.
नई दिल्ली: सीमा पर पहुंचे किसानों के आंदोलन का 27 वां दिन है लेकिन इन सबके बीच अब वह आंकड़े भी सामने आ रहे हैं जिसमें अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं कि किसान आंदोलन के चलते कितना नुकसान हुआ है. ऐसा ही एक आंकड़ा जारी किया है कंफेडरशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने. कंफेडरशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स यानी कैट के आंकड़े के मुताबिक किसान आंदोलन से अब तक करीब 14,000 करोड़ रुपए के व्यापार का नुकसान हो चुका है.
कंफेडरशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स की तरफ से कहा गया कि दिल्ली की सीमाओं पर पिछले 26 दिन से धरने पर बैठे हुए कुछ राज्यों के किसानों के आंदोलन से दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान व उत्तर प्रदेश के क्षेत्रों में अब तक लगभग 14 हज़ार करोड़ रुपए के व्यापार का बड़ा नुकसान हो चुका है. किसान आन्दोलन के चलते व्यापार को हो रहे करोड़ो रुपये के नुकसान का हवाला देते हुए कैट ने किसान नेताओं और केंद्र सरकार से अपील करते हुए बातचीत से इस मसले को तुरंत सुलझाने की मांग की है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि जनता की परेशानियों को देखते हुए वैकेशन बेंच इस मामले की तुरंत सुनवाई की तारीख निश्चित करे.
20 प्रतिशत ट्रक देश के अन्य राज्यों से सामान दिल्ली नहीं ला पा रहे
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स कैट ने व्यापारियों को हो रहे नुकसान से जुड़ा हुआ आंकड़ा पेश करते हुए कहा कि आंदोलन के कारण लगभग 20 प्रतिशत ट्रक देश के अन्य राज्यों से सामान दिल्ली नहीं ला पा रहे हैं. इसके चलते दिल्ली से अन्य राज्यों को भेजे जाने वाले सामान पर भी विपरीत असर पड़ रहा है. कैट के मुताबिक दिल्ली में प्रतिदिन लगभग 50 हजार ट्रक देश भर के विभिन्न राज्यों से सामान लेकर दिल्ली आते हैं और लगभग 30 हजार ट्रक प्रति दिन दिल्ली से बाहर अन्य राज्यों के लिए सामान लेकर जाते हैं.
या तो रास्ते बंद है या जाम लगा हुआ है
कैट के मुताबिक अन्य राज्यों से प्रमुख तौर पर एफएमसीजी प्रोडक्ट, लोगों के रोज़मर्रा के उपयोग का सामान, खाद्धयान, फल व सब्ज़ी, किराने का सामान, ड्राई फ़्रूट, इलेक्ट्रॉनिक्स, बिजली का सामान, दवाइयां, भवन निर्माण का सामान, लोहा-स्टील, कपड़ा, मशीनरी, बिल्डिंग हार्डवेयर, लकड़ी व प्लाइवुड, रेडीमेड वस्त्र आदि प्रतिदिन बड़ी संख्या में दिल्ली आते हैं. बड़ी मात्रा में ये सामान दिल्ली-जयपुर, दिल्ली-मथुरा, आगरा एक्सप्रेस वे, दिल्ली- गाजियाबाद हाई वे, दिल्ली-चंडीगढ़ हाई वे रास्तों से मुख्य रूप से आते हैं क्योंकि यही हाई वे दिल्ली को देश के सभी राज्यों से जोड़ते हैं और इन हाई वे पर आंदोलन के कारण या तो रास्ते बंद है या लम्बे जाम लगे होने के कारण ट्रकों को काफी लम्बा घूम कर दिल्ली आना पड़ रहा है.
जिसके कारण सप्लाई देरी से आ रही है या रुका हुआ है. कैट ने कहा कि अगर बहुत लम्बे समय तक आंदोलन चलता रहा तो सप्लाई में परेशानी की सम्भावना है लेकिन फिलहाल किसी सामान की कोई कमी नहीं है.
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