नई दिल्ली: दिल्ली दंगों के आरोपी का सनसनीखेज कबूलनामा सामने आया है. इस कबूलनामे में आज तक जो आरोप लगते रहे थे, उनकी पुष्टि की गई है. दंगे के एक आरोपी ने अपने कबूलनामे में कहा है कि उसे पैसे दिए गए थे.


वहीं, अलग-अलग कबूलनामों में दंगे के आरोपियों ने यह खुलासा भी किया है कि एनआरसी और सीएए को लेकर उन्हें लगातार गुमराह किया जा रहा था, कहा जा रहा था कि उन्हें देश के बाहर कर दिया जाएगा. दिल्ली पुलिस दंगे में अब पर्दे के पीछे के मास्टरमाइंड को खोजने में लगी हुई है.


राजधानी दिल्ली में हुए दंगों में एक बात बार-बार उभर कर सामने आ रही थी, जिसमें कहा जा रहा था कि दंगा कराने के लिए दंगे के आरोपियों को किसी ना किसी रूप में पैसे भी दिए गए थे. हालांकि इस बाबत पकड़े गए सभी मुख्य आरोपी लगातार इससे इनकार करते रहे, लेकिन अब दंगे के एक आरोपी ने खुद अपने कबूलनामे में कहा है कि उसे पैसे दिए गए थे. उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों में इस आरोपी को गिरफ्तार भी किया गया है.


एबीपी न्यूज़ के पास मौजूद है दंगों के आरोपी शाहरुख का कबूलनामा. अपने कबूलनामे में शाहरुख ने दंगे को लेकर एक-एक राज खोला है और केवल शाहरुख ही नहीं एबीपी न्यूज़ के पास दंगे के दूसरे आरोपियों के भी कबूलनामे हैं, जिनमें उन्होंने खुद कबूल किया है कि उनसे क्या कह कर दंगा भड़काया गया.


कबूलनामें में शाहरुख कहता है, “मैं शाहरुख मलिक पुत्र जफरुद्दीन निवासी भागीरथी विहार कक्षा 10 तक पढ़ा हुआ हूं, मैं और मेरा भाई घर का खर्चा चलाने के लिए ओला उबेर में टैक्सी चलाते हैं, मेरे रिश्तेदार फैजल भाई का हमारे इलाके में राजधानी पब्लिक स्कूल के नाम से स्कूल है. उनसे अक्सर मिलना हो जाता है. मिलने पर अक्सर फैजल भाई सरकार द्वारा बनाए गए कानून के बारे में बताते हैं कि यह कानून मुस्लिमों के खिलाफ है, यह सरकार हम सभी मुस्लिमों को देश के बाहर निकाल देगी. फैजल भाई ने मुझे कई बार बताया कि ऑफिस में आया करो जो बाहर बना रखा है. इलाके के काफी मुस्लिम भाई मेरे ऑफिस में आते हैं, वहां हम इसके बारे में बातचीत करते हैं."


शाहरुख कबूलनामें में कहता है, “फैजल भाई ने दंगा होने से कुछ दिन पहले मुझसे कहा कि अब हालात खराब हो रहे हैं. कभी भी कुछ भी हो सकता है. तुम यहां रहते हो, इलाके के मुस्लिम भाइयों के साथ मिलकर राजधानी स्कूल की रक्षा करना, दंगा होने पर हिंदुओं के उनके कारोबार वाली जगहों का नामोनिशान मिटा देना. फैजल भाई ने मुझे 5000 रुपये खर्चे के लिए दिए.” ध्यान रहे कि राजधानी स्कूल के मालिक के संबंध पीएफआई तथा अन्य संगठनों से भी पाए गए हैं. जांच एजेंसियां इस बात की भी जांच कर रही हैं कि क्या दंगों के लिए पीएफआई ने पैसा दिया था.


यह तो बात हुई पैसे दिए जाने की अब दूसरे कबूलनामे के जरिए यह भी जान लीजिए कि कैसे लोगों को गुमराह किया गया.


दंगों में गिरफ्तार मुलजिम राशिद उर्फ मोनू ने कबूलनामा में साफ तौर पर कहा है, "मेरे कुछ दोस्तों ने बताया कि हमारे देश में सीएए और एनआरसी लागू हो गया है, जिन लोगों के पास सबूत नहीं होगा उनको भारत से बाहर निकाल देंगे." दिल्ली पुलिस के पास मोनू के अलावा अनेकों आरोपियों के ऐसे ही कबूलनामें हैं, जिनमें युवाओं को गुमराह करके दंगा करने के लिए भड़काया गया था.


एबीपी न्यूज़ के पास दंगों के एक मुख्य आरोपी और राजधानी स्कूल के मालिक फैजल का भी कबूलनामा है, जिसमें वह इस बात को कबूल करता है कि उसने लोगों को दंगा करने के लिए भड़काया था. फैजल अपने कबूलनामें में यह भी कबूल करता है कि वह कट्टरवादी इंसान है और उसने अपने जैसी विचारधारा के लोगों को अपने स्कूल में लाने के लिए लोगों से कहा था.


फैजल ने अपने कबूलनामे में यह भी कहा कि उससे गलती हो गई है और उसे माफ कर दिया जाए. पुलिस का दावा है कि जांच के दौरान उसके हाथ अनेक अहम सबूत लगे हैं, जिससे इन आरोपियों पर कानून का फंदा और जकड़ा जाएगा.


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