(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
नेशनल कांफ्रेंस के नेता की हत्या मामले में संदिग्ध का कबूलनामा वायरल, पुलिस जांच में जुटी
दिल्ली पुलिस ये वेरीफाई कर रही है कि हरमीत सिंह के फेसबुक प्रोफाइल पर अपलोड किया गया 5 पेज का लेटर सच में हरमीत सिंह का कबूलनामा और सुसाइड नोट है या फिर पुलिस जांच को भटकाने का कोई नया पैंतरा.
नई दिल्ली: त्रिलोचन सिंह वजीर हत्याकांड में एक संदिग्ध के कथित फेसबुक प्रोफाइल पर कबूल नाम आया है. जिसकी जांच में दिल्ली पुलिस जुट गई है. संदिग्ध हरमीत सिंह के बताए जा रहे इस फेसबुक अकाउंट में एक कबूलनामा पोस्ट किया गया है. ये अकाउंट सोशल मीडिया पर वायरल है. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच का कहना है कि वो अभी इस बात की भी जांच कर रहे है कि ये फेसबुक अकाउंट हरमीत का है या नहीं. कही ये अकाउंट जांच को भटकाने के लिए हत्या के बाद तो नहीं खोला गया. इस कबूलनामे की सच्चाई तो पुलिस की मुकम्मल तफ्तीश के बाद ही सामने आएगी. क्राइम ब्रांच सूत्रों ने कहा है कि उन्होंने जम्मू में हरप्रीत और हरमीत के बेटे से भी पूछताछ की है.
इस कबूलनामे में लिखा है.....
मैं हरप्रीत सिंह के घर रमेश नगर रुका हुआ था. यहां टीएस वजीर कनाडा जाने के लिए एक दिन एडवांस आ गए.
- हरप्रीत जी ने मुझे कहा हरमीत जी आप होटल चले जाओ और मैं चला गया.
- मेरा कुछ सामान हरप्रीत के घर रह गया. मैंने उनको फोन किया. फोन नहीं मिला. फिर मैं उनके घर चला गया. लकड़ी का दरवाजा खुला था और जाली वाला बंद था. तभी वजीर ने मेरा नाम लिया मैं चुपचाप सभी बातें सुनने लगा.
- वजीर बोल रहा था अजीत ने सुदर्शन वजीर, हरमीत और उसका बेटा को खत्म करने की चार करोड़ में डील करवा दी है. दो करोड़ एडवांस दे दिया है.
- वजीर बोल रहा था कि जब तक मैं कनाडा से वापस आऊंगा तब तक यह काम खत्म हो जाएगा और उसके बाद शहर मेरा हो जाएगा.
- हरप्रीत जी ने वजीर को कहा कि सुदर्शन का तो पता नहीं. हरमीत जी तो आपके दोस्त हैं. उनके साथ मत करो. आगे से वजीर बोला आपको नहीं पता कि वह मेरे खिलाफ चलता है.
- यह सुनकर मुझे गुस्सा आया और मैंने आवाज लगाई दरवाजा खोलो. हरप्रीत जी ने बोला आप होटल में जाओ मैंने कहा नहीं आप दरवाजा खोलो मुझे बात करनी है.
- मैं अंदर गया और मैंने कहा यार तेरी मेरी क्या दुश्मनी है. मैंने तेरा क्या बिगाड़ा है हमारी कहासुनी होने लगी. हरप्रीत ने हमें चुप कराया और बोला आराम से बैठो. लड़ो मत.
- इतनी देर में हरप्रीत और उनका लड़का नीचे ठंडा लेने चले गए और वजीर से हमारा झगड़ा होने लगा.
- मुझे पहले ही कुछ लोगों ने बताया था कि वजीर तेरे लिए कुछ तैयारी कर रहा है बच के रहना इसलिए मैं अपने पास एक गन रखता था अपनी सेफ्टी के लिए
- मैंने कुछ देर सोचा और अंदर जाकर वजीर को सिर पर गोली मार दी और वजीर मर गया
- जब हरप्रीत ऊपर आया तो यह देख कर रोने लगा. बोलने लगा कि यह आपने क्या कर दिया. मेरी जिंदगी बर्बाद हो जाएगी. मैंने हरप्रीत को चुप करवाया और बोला कि टेंशन मत ले मैंने वज़ीर को उठाकर बाथरूम में कर दिया.
- हरप्रीत जोर जोर से रोने लगा. मैंने हरप्रीत को गन से डराया और कहा चुप रह नहीं तो तुझे भी मार दूंगा.
- इतनी देर में वजीर की फ्लाइट का टाइम हो गया. मैंने हरप्रीत को कहा कि तू एयरपोर्ट चले जा और अगर वजीर के घर से फोन आया तो कहना कि वजीर चला गया है और फोन मेरे पास रह गया है.
- मैंने हरप्रीत को कहा कि जैसे मैं बोलता हूं वैसा करो नहीं तो तू सारी जिंदगी जेल में रहेगा और मैं हरप्रीत को वहां छोड़कर होटल चला गया.
- सुबह सुबह मुझे हरप्रीत का रोते-रोते फोन आया. मुझे बचाओ. मैंने हरप्रीत को अपने पास बुलाया और कहा मुझे थोड़े बहुत पैसे दे. मैं मामला रफा-दफा करवाता हूं. हरप्रीत ने कहा की मेरे पास पैसे नहीं है. मैंने कहा कहीं से भी ला. नहीं तो तू नहीं बचेगा.
- हरप्रीत ने मुझे अपने घर का सामान बेचकर कुछ पैसे दिए और हरप्रीत कहने लगा मुझे बचाओ और रोने लगा और कहने लगा मुझे आखरी बार घरवालों से मिलना है और मैंने कहा तू जा जब तक तू आएगा. मैं सब कुछ ठीक-ठाक कर दूंगा. उसके बाद हरप्रीत 2 दिन के बाद आया. हमारी फोन पर बात होती रही. पर जब हरप्रीत आया तो मैंने कहा मेरी सेटिंग हो गई है. तुझे कुछ नहीं होगा.
- पर मुझे भी अपने घर वालों से आखरी बार मिलना है और हरप्रीत मना करने लगा. बोला नहीं. मैंने गन दिखाई और डराया.
- फिर हरप्रीत ने कहा जल्दी जाओ और जल्दी आओ.
- मैं घर गया. घरवालों से मिला . आते वक्त हरप्रीत ने मेरी फ्लाइट का टिकट करवा दिए मैं वापस आ गया.
- मैंने कहा मैं सरेंडर कर देता हूं. हरप्रीत ने कहा चलो पुलिस स्टेशन चलते हैं. वजीर के घर से बहुत फोन आ रहे हैं.
- हमने गुरुद्वारे में माथा टेका व थाने की तरफ निकल गए. रास्ते में मैंने कहा भूख लगी है. खाना खाना है. हरप्रीत ने मुझे खाना खिलाया और खाना खाकर हम निकले.
- इतनी देर में हरप्रीत के नंबर पर पुलिस के फोन आने लगे और मैं डर गया.
- मैंने हरप्रीत को बोला चल भाग जाते हैं पर हरदीप ने कहा नहीं पुलिस स्टेशन चलते हैं. मैंने हरप्रीत को गन से डराया और बोला चल. हरप्रीत डर गया. फिर हम पंजाब की तरफ निकल गए.
- हरप्रीत ने कहा मर तो मैं जाऊंगा ही. आप मार दो मुझे. नहीं तो मैं खुद मर जाऊंगा. अब हमारे पास कोई रास्ता नहीं बचा है.
- अब मैं हरमीत सिंह सुसाइड करने लगा हूं.
- जिसमें हरप्रीत का और मेरे परिवार का कोई लेना देना नहीं है.
- मेरे प्यारे बेटे अपना और परिवार का ख्याल रखना मैं अपनी करनी का खुदज़िम्मेदार हूं.
छह पन्नों के इस कबूलनामे में एक स्पेशल नोट भी लिखा है. इस कबूलनामे में आखिरी में हरमीत सिंह के दस्तखत और स्याही वाला अंगूठा भी लगा हुआ है. इस कबूलनामे की सच्चाई तो पुलिस की तफ़्तीश के बाद ही सामने आएगी. इस आखरी पन्ने में लिखा है कि.....
स्पेशल नोट
- मुझे सबसे ज्यादा गुस्सा तब आया जब वजीर ने कहा कि मैंने चोपड़ा फैमिली को मरवा दिया
- तीन लड़के मार दिए (बिल्ला ) और दीगथाने के लड़के.
- पपी सिंबल वाले को मरवा दिया
- आज तक मैंने 100 के करीब लोग मार दिए हैं
- वजीर कहने लगा अब हमारी मुंबई के डॉन से दिल्ली बात हुई है. जिसमें मैं नलवा और अजीत थे. दो करोड़ एडवांस भी दे दिया है. अब सुदर्शन और हरमीत और उसका बेटा भी खत्म कर देंगे. टीम जम्मू पहुंच गई है.
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