Delhi Govt & LG Clash: दिल्ली की केजरीवाल सरकार और उपराज्यपाल एक बार फिर आमने-सामने आ गए हैं. दोनों के बीच नया विवाद दिल्ली सरकार के स्कूलों के टीचर्स की विदेश में होने वाली ट्रेनिंग पर एलजी के रोक लगाने पर उभरा है.
दिल्ली सरकार का आरोप है कि अब तक हज़ारों टीचर्स को सरकार ट्रेनिंग के लिए विदेश भेज चुकी है. इसके ज़रिये केजरीवाल सरकार स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने की कोशिश कर रही है. सरकार का तर्क है कि अगर शिक्षक विश्वस्तरीय ट्रेनिंग लेंगे तो बच्चों को भी विश्वस्तरीय शिक्षा दे पाएंगे. एलजी द्वारा टीचर्स को फ़िनलैंड ट्रैनिंग के लिए भेजने वाली फ़ाइल रोके जाने पर आप एक बार फिर एलजी पर हमलावर हो गई है.
एजुकेशन में टांग अड़ा रही बीजेपी
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने आज एक प्रेस कांफ्रेंस कर बीजेपी और एलजी पर आरोप लगाया कि अब गरीब बच्चों के एजुकेशन में टांग अड़ाने का काम कर रही है बीजेपी. सिसोदिया ने कहा कि बीजेपी खुद तो अपने राज्यों की शिक्षा व्यवस्था को नहीं सुधार पा रही है और जहां बच्चे अच्छा सीख रहे है उनकी शिक्षा को रोकने का काम किया जा रहा है.
मनीष सिसोदिया ने कहा कि सभी रिपोर्ट ये कहती हैं कि हमारे टीचर्स को बेहतर ट्रेनिंग की ज़रूरत है. हमने अपने कई टीचर्स को अलग-अलग जगह से बेहतर ट्रेनिंग करवाई है. इस बार मार्च में भी हमारे टीचर्स का एक नए बैच को फ़िनलैंड जाना था ट्रेनिंग के लिए लेकिन उस पर एलजी ने आपत्ति जताई और फ़ाइल रोक दी है.
एलजी ने कहा लागत लाभ विश्लेषण करना चाहिए
मनीष सिसोदिया ने कहा कि हमने उनके सवालों के जवाब भी भेजे लेकिन बावजूद इसके उनकी तरफ़ से कहा गया कि क्या ऐसी ट्रेनिंग देश में ही नहीं दी जा सकती है. एलजी ने कहा कि हमें लागत लाभ विश्लेषण करना चाहिए ताकि ये समझा जा सके कि इसमें खर्चा कितना हो रहा है और ऐसी ट्रेनिंग क्या हमारे देश मे भी टीचर्स को मिल सकती है.
मनीष सिसोदिया ने कहा कि इस पर हमारा कहना है कि हमने इससे पहले भी हज़ारों टीचर्स की ट्रेनिंग इसी तरह करवाई है. हमें अगर विश्वस्तरीय ट्रेनिंग करवानी है तो इन्हें बाहर भेजना होगा. दूसरे देशों से मुक़ाबला करना है तो उनसे सीखना भी होगा कि कैसे हम आगे बढ़ सके.
मनीष सिसोदिया ने कहा कि हम एलजी से कहना चाहते हैं कि आपने बीजेपी के हर षड्यंत्र में साथ दिया है लेकिन इस मामले में बीजेपी के षड्यंत्र में साथ मत दीजिए, ये बच्चों की शिक्षा का मामला है. मनीष ने कहा कि एलजी ने बहुत दुरुपयोग किया है अपने दफ़्तर का लेकिन इस मामले में उनको ऐसा नहीं करना चाहिए.
दिल्ली की शिक्षा क्रांति में इसका बड़ा योगदान
मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने भी इस मामले में ट्वीट करते हुए कहा था कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को हम विदेशों में ट्रेनिंग के लिए भेजते रहे हैं. दिल्ली की शिक्षा क्रांति में इसका बड़ा योगदान रहा है. इन्हें विदेशों में ट्रेनिंग के लिए जाने से रोकना ठीक नहीं है. सीएम अरविंद केजरीवाल ने एक और ट्वीट कर कहा, "आपने मुझे विदेश जाने से रोका, कोई बात नहीं, पर शिक्षकों को तो फ़िनलैंड ट्रेनिंग के लिए जाने दीजिए? उन्हें तो मत रोकिए?"
फिनलैंड की इस यूनिवर्सिटी में होना था कार्यक्रम
बता दे कि एससीईआरटी दिल्ली ने दिल्ली सरकार के स्कूलों के प्राइमरी इंचार्जों और एससीईआरटी के टीचर एजुकेटर्स के लिए फ़िनलैंड के ‘ज्यवास्काइला यूनिवर्सिटी’ में 5 दिनों के ट्रेनिंग कार्यक्रम का प्रस्ताव तैयार किया था. ज्यवास्काइला यूनिवर्सिटी फ़िनलैंड का शीर्ष विश्वविद्यालय है और उत्कृष्टता का एक अंतरराष्ट्रीय केंद्र है और 2019 की ऐकेडमिक रैंकिंग में दुनिया के शीर्ष 40 विश्वविद्यालयों में शामिल है.
फिनलैंड का एजुकेशन सिस्टम दुनिया भर में सबसे अग्रणी एजुकेशन सिस्टम में से एक है. एससीईआरटी ने यहां दिसंबर 2022 और मार्च 2023 में 30 प्राइमरी इंचार्जों के दो समूहों को भेजने की योजना बनाई है. इसके तहत एससीईआरटी ने अपनी वार्षिक योजना में एक बजट प्रावधान किया है और इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने के लिए एससीईआरटी को दिल्ली सरकार द्वारा ग्रांट दिया गया है.
1079 शिक्षक जा चुके है फॉरेन ट्रेनिंग पर
अपने विभिन्न फॉरेन एक्सपोज़र विजिट/ ट्रेनिंग के माध्यम से केजरीवाल सरकार अब तक अपने 1079 शिक्षकों को विभिन्न देशों में भेज चुकी है. इनमें 59 शिक्षक फ़िनलैंड, 420 शिक्षक कैंब्रिज और 600 शिक्षक सिंगापुर में ट्रेनिंग के लिए जा चुके है. इसके अलावा अब तक 860 स्कूल प्रिंसिपल्स आईआईएम अहमदाबाद और लखनऊ जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में ट्रेनिंग ले चुके हैं.
9 जनवरी को लौटाई फाइल
दरअसल दिल्ली सरकार द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक इससे जुड़ी एडमिनिस्ट्रेटिव अप्रूवल की फाइल 25 अक्टूबर 2022 को एलजी ऑफिस को मिली थी. उन्होंने 10 नवंबर 2022 को तीन स्पष्टीकरण/आपत्तियां मांगते हुए फाइल मुख्य सचिव को लौटा दी थी. एससीईआरटी दिल्ली ने उन बिंदुओं को स्पष्ट किया और 14 दिसंबर 2022 को एलजी कार्यालय में फाइल दोबारा जमा की गई। इसके बाद एलजी ने इस पर दो और स्पष्टीकरण मांगे और 9 जनवरी 2023 को फाइल सीएम को वापस लौटा दी.
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