मुंबईः भारत में राज्यों के राज्यपाल और राज्य सरकारों के बीच टकराव के मामले नये नहीं हैं. आमतौर पर ऐसे टकराव तब होते हैं जब केंद्र में किसी और पार्टी की सरकार होती है और राज्य में किसी और पार्टी की. ऐसा ही कुछ महाराष्ट्र में भी देखने मिल रहा है जहां राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बीच कटुता सरेआम नजर आ रही है.


गुरुवार के दिन राज्यपाल कोश्यारी को उस वक्त अपमानजनक स्थिति का सामना करना पडा जब मुंबई हवाई अड्डे पर उन्हें सरकारी विमान से उतरना पड़ा. वे सरकारी विमान से उत्तराखंड जाना चाहते थे, लेकिन विमान में सवार होने के बाद उन्हें बताया गया कि महाराष्ट्र सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने विमान के इस्तेमाल की अनुमति नहीं दी है. ये विभाग मुख्यमंत्री ठाकरे के आधीन आता है. इसके बाद कुछ वक्त इंतजार करने के बाद कोश्यारी को एक निजी विमान से उत्तराखंड के लिये रवाना होना पडा.


राज भवन के अधिकारियों को दोषी ठहरा रही सरकार
राज्य सरकार इस सिलसिले में राज भवन के अधिकारियों को दोषी ठहरा रही है. राज्य सरकार का कहना है कि इन अधिकारियों को तब ही कोश्यारी को हवाई अड्डे ले जाना चाहिये था जब राज्य सरकार से अनुमति की पृष्टि हो जाती.


दरअसल, शिवसेना और कोश्यारी के बीच कड़वाहट बीते 2019 से नजर आ रही है. पाठकों को याद होगा कि उस साल 23 नवंबर को सुबह- सुबह कोश्यारी ने राज्य में लगाये गये राष्ट्रपति शासन को हटा दिया था और बिना किसी को बताये और तमाम प्रथाओं का पालन न करते हुए अचानक देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री पद और अजीत पवार को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिला दी थी.


कई मामलों पर हो चुका है टकराव
शिव सेना, कांग्रेस और एनसीपी के तब से कोश्यारी के साथ टकराव के कई मामले सामने आ चुके हैं. इन पार्टियों के बीच ये भावना बन गई है कि कोश्यारी निष्पक्ष होकर राज्यपाल का कर्तव्य नहीं अदा कर रहे और उस पार्टी बीजेपी की ओर उनका झुकाव साफ नजर आता है जिसके वे राज्यपाल बनने से पहले सांसद रह चुके हैं.


चार महीनें से नहीं मिली है मनोनीत सीटों के लिए भेजे गए नामों पर मंजूरी
बीते साल नवंबर में विधान परिषद की 12 सीटों जिन्हें राज्यपाल मनोनीत सीटें कहा जाता है, उनके लिये ठाकरे सरकार ने तीनों पार्टियों की ओर से 12 नाम दिये थे. चार महीने बीत जाने के बावजूद भी कोश्यारी ने उन नामों को मंजूरी नहीं दी है. इससे ठाकरे सरकार के घटक दल भडके हुए हैं. हाल ही में अजीत पवार ने कोश्यारी के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाने के भी संकेत दिये. ताजा प्रकरण पर एनसीपी नेता छगन भुजबल ने कहा कि ये बात सच है कि सरकार और राज्यपाल के बीच दूरी बढ़ी है.


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