नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम चुनावों में अभी वक्त है लेकिन दिल्ली में दो प्रमुख दलों के बीच वॉर शुरू हो गई है. आम आदमी पार्टी के एमसीडी चुनाव प्रभारी दुर्गेश पाठक ने पूर्वी नगर निगम की एक पार्षद के रिश्तेदार का ऑडियो क्लिप जारी कर आरोप लगाया कि लेंटर डालने के बदले में पार्षद उगाही करते हैं. एक प्रेस कांफ्रेंस में दुर्गेश पाठक ने न्यू अशोक नगर के वार्ड 4E की बीजेपी पार्षद रजनी पांडे के रिश्तेदार निशांत पांडे का ऑडियो क्लिप जारी किया जिसमें वो एक बिल्डर से बात कर रहे हैं.


ऑडियो क्लिप मीडिया के सामने जारी करते हुए दुर्गेश पाठक ने कहा, "इस रिकॉर्डिंग में तीन अलग-अलग भ्रष्टाचार के मामलों का जिक्र है. पहले मामले में बिल्डर बता रहा है कि कुल 7 लाख रुपये दिए हैं. जिसमें से 4लाख रुपये पार्षद के रिश्तेदार निशांत पांडे उर्फ को दिए गए और 3 लाख रुपये उस इलाके के JE को दिए गए.


दूसरे मामले में 2 लाख रुपये निशांत पांडे को दिए गए और 1.5 लाख रुपए उस इलाके के JE को दिए. तीसरे मामले में निशांत पांडे अपने ही किसी मित्र जिसका नाम वो शिवम बता रहे हैं, जो 150 गज का मकान बना रहा था. जिसको लेकर निशांत पांडे जी काफी नाराज दिखाई दिए और खुद कह रहे हैं कि वह मात्र 1.5 लाख रुपए देकर गया है, पूरा हिसाब नहीं करके गया."


दुर्गेश पाठक ने आरोप लगाया, "ये तो मात्र एक निगम पार्षद की कहानी है. बीजेपी का हर एक निगम पार्षद इसी तरह से अपने अपने क्षेत्र में वहां पर रहने वाली गरीब और मासूम जनता का खून चूस रहा है. इसलिये मैं बीजेपी से मीडिया के माध्यम से दो मांग रखता हूं.


पहली, भारतीय जनता पार्टी निशांत पांडे और उसके पूरे गिरोह को पार्टी से तुरंत प्रभाव से निष्कासित करें और इनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही करें. दूसरी, दिल्ली पुलिस इस मामले का संज्ञान लेते हुए इन लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार का और अन्य जो भी मामला बनता है, उसमें तुरंत प्रभाव से एफआईआर दर्ज करें और इनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही करे."


दुर्गेश पाठक के आरोपों पर बयान जारी कर बीजेपी के मीडिया प्रमुख अशोक गोयल ने कहा, "घोटालेबाजी का पर्याय तो केजरीवाल सरकार ही है. आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के बारे में सब जानते हैं. पहले सीएम केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के लोग बेबुनियाद आरोप लगाते हैं. फिर कोर्ट में माफी मांगते हैं. राशन घोटाला, पानी घोटाला, लेबर सेस घोटाले और अनेक घोटालों में घिरने के कारण झूठे बेबुनियाद प्रत्यारोप लगा रहे हैं."


गौरतलब है कि पिछले नगर निगम चुनाव में आम आदमी पार्टी को बीजेपी से करारी हार मिली थी. इस बार आम आदमी पार्टी की नज़र नगर निगम चुनावों पर है और इसके लिये दिल्ली में संगठन में कई बदलाव भी किये गये हैं.


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