कोरोना वैक्सीन को लेकर लोगों में भ्रम की स्थिति, टीका लगने के बाद डॉ. ने शेयर किया अपना अनुभव
विकास डोंगरा को पहले दिन वैक्सीन लगाई गई थी. अपना अनुभव साझा करते हुए वो बताते हैं कि वैक्सीन लगने के बाद से कोई भी दिक्कत नहीं हुई है.
नई दिल्ली: कोरोना की वैक्सीन लगने के बाद से ही तमाम साइड इफेक्ट्स की खबरें आ रही हैं. नतीजा यह है कि पहले दिन जहां 53 फीसदी तक वैक्सीनेशन हुई थी, वहीं दूसरे दिन 44 फीसदी तक ही वैक्सीनेशन हुई. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या स्वास्थ्य कर्मचारियों में वैक्सीन को लेकर किसी तरह के भ्रम की स्थिति है? क्या वैक्सीन को लेकर कर्मचारी डरे हुए हैं? क्या सच में जिन्हें वैक्सीन लगी, उन पर कोई असर हो रहा है? अब दिल्ली के राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के डॉ. विकास डोंगरा ने इन सवालों के जवाब दिए हैं.
विकास डोंगरा को पहले दिन वैक्सीन लगाई गई थी. अपना अनुभव साझा करते हुए वो बताते हैं कि वैक्सीन लगने के बाद से कोई भी दिक्कत नहीं हुई है. सब कुछ पहले की तरह ही है. तीन-चार दिन से ज्यादा हो चुके हैं तो अगर कुछ होना होता तो अब तक हो चुका होता. वैक्सीन लगवाने का अनुभव सामान्य ही रहा क्योंकि कुछ भी अलग नहीं था. एक इंजेक्शन लगा और फिर उसके बाद छुट्टी. मैं लोगों को शुरू से ही यही मैसेज देने की कोशिश कर रहा हूं कि डरो मत. इसका कोई भी उल्टा असर नहीं हो रहा है. वैक्सीन लगवाना जरूरी है, इसलिए जरूर लगाएं.
डॉ. विकास वह कोरोना वॉरियर हैं जो 10 महीने तक अपने घर नहीं जा सके थे. हालांकि वैक्सीनेशन के प्रतिशत चिंताजनक दिख रहे हैं. इस पर राजीव गांधी हॉस्पिटल की पीआरओ डॉ. छवि गुप्ता कहती हैं कि वैक्सीन को लेकर लोगों में हिचक है. सारे सीनियर स्टाफ इसीलिए वैक्सीनेशन पहले करा रहे हैं ताकि उनको देखकर जो जूनियर स्टाफ है, उनमें भी थोड़ा उत्साह बने.
उन्होंने कहा कि लोगों को लग रहा है कि वैक्सीन का पता नहीं क्या असर होगा? लेकिन एक बात समझनी चाहिए कि बिना रिसर्च के वैक्सीन नहीं आई है. हम लोग हॉस्पिटल में ही काउंसिलिंग भी करा रहे हैं. लोगों के सभी सवालों का जवाब दे रहे हैं. अभी तक हमारे पास कोई भी ऐसा केस नहीं आया है जिसमें वैक्सीनेशन के बाद साइड इफेक्ट हुआ हो.
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